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________________ ६२ . . सुलभधातुरूपकोशः Imperative आज्ञार्थ Potential farver जहानि जहाव जहाम । जह्याम् जह्याव जह्याम जहाहि-) जहितम्- । जहितजहिहि जहाः . जह्यातम् । जह्यात M जहीहि ) (जहीतम् । जहीत जहिताम् । जहातु. जहाजहतु .. जह्यात् जह्याताम् .. जाः ३४ हा A. 'to go' . Present वर्तमानकाल Imperativo 371 जिहे . जिहीवहे. विहीमहे . जिहै जिहावहै जिहामहै। जिहीये जिहाथे जिहीध्वेजिहीष्व जिहाथाम् जिहीश्वम् जिहीते जिहाते जिहते । जिहीताम् जिहाताम् जिहताम् Imporfoct 30ragato l'otential rete अजिहि अजिहीवहि अजिहीमहि | जिहीय . जिहीवहि जिहीमहि अजिहीथाः अजिहाथाम् अजिहीध्वम् | जिहीथाः जिहीयाथाम् जिहीध्वम् अजिहीत . अजिहाताम् अजिहत । जिहीत. जिहीयाताम् जिहीरन् .. ३५ भी P. ' to fear' Present वर्तमानकाल Impertect अपूर्णभूत बिभिवः- । विभिमः- .. अविभिव- । अविभिम विभीवः विभीमः १८ अविभाव अविभीम विवि र विभिथ:- । विभिथ अविभितम्-१ अविभितविभायः विभीथ अविभीतम् अविभीत विभेमि | अविभः बिभेति बिभीतः ) विभितः- विन्यति अविभेत् अविभिताम्-), आवेभयुः अविभीताम् ) Imperativo आज्ञार्थ विभयानि विभयाव विभयाम बिभिहि-। विभितम् - । विभितबिभीहि विभीतम् । विभीत _Potential विध्यर्थ विभियाम्-१ विभियाव- विभियामविभीयाम् विभीयाव विभीयाम विभियाः ) विभियातम्- विभियातविभीयाः विभीयानम् विभीयात विभियात्- विभियांताम्-१ विभियुः। विभीयात् विभीयाताम् (विभीयुः बिभेतु थिभिताम्-विभ्यतु विभीताम् ।
SR No.002219
Book TitleSulabh Dhatu Rup Kosh Part 01 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnaji B Virkar, Kulchandravijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages284
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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