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________________ मुलभधातुरूपकोशः धितो. सोढ | Pres. Part.. Pot. Pass. | Past Pass. | Inin. of Gerand or वर्त० धातु विशे० ___Part. Part. | Purpose | Absolutive Act. Pass./ विध्यर्थ धातु. भूतकाल०धातु हेत्वर्थक धातु. पूर्वकाल. धातु करि कर्मणि विशे. अव्यय अव्यय श्लाघमान श्लाध्य- श्लाषितव्य, श्लाघ- श्लाधित श्लाषितुम् श्लाघित्वा. . मान नीय, श्लाघ्य आश्लि. आश्लि- आश्लेष्टव्य, आश्ले- | आश्लिष्ट आश्लेष्टुम् (श्लिष्ट्वा) | ध्यत् ष्यमाण षणीय, आश्लेष्य आश्लिष्य अवसीदत् अव-अवसत्तव्य, अवस. अवसन्न अवसत्तुम् अवसद्य ___ सद्यमान दनीय, अवसाद्य निपीदत् निपद्य-निषत्तव्य, निपदनीय निषण्ण निपतुम् निषद्य .. मान · निषाद्य .. सहमान सामान सहितव्य, सोढव्यः | सहितुम् or सहित्वा or सहनीय; सह्य सोढुम् सौदा सान्त्व. सान्त्व्य- सान्त्वयितव्य, सान्वित | सान्त्वयितुम् | सान्त्वयित्वा । यत, मान सान्त्वनीय, सान्व्य ( परिसान्व्य) सान्त्वयमान सिञ्चत्, सिच्य- सेक्तव्य, सेचनीय, सिक्त । सेक्तुम् । सिक्त्वा सिच्चमान मान सेक्य ( अभिषिच्य) निषूद• नियूद्य- निपूदयितव्य, । नियूदित | नियूदयितुम् निय | यत्, मान निदनीय, निपूछ । निषदयमान सरत् त्रियमाण सर्तव्य, सरणीय, सूत्वा सार्य (अनुसृत्य) सजत् सृज्यमान स्रष्टव्य, सर्जनीय, स्रष्टुम् सृष्ट्वा | सृज्य or सर्म्य (विसृज्य) सेवमान सेव्यमान सेवितव्य, सेवनीय, सेवितुम् । सेवित्वा सेव्य ( निषेव्य) तिष्ठत् स्थीयमान स्थातव्य. स्थानीय, स्थित स्थातुम् स्थित्वा स्येय । (उत्यातुम्) (उत्थाय) - प्रतिष्ठ- प्रस्थीय- प्रस्थातव्य, प्रस्थानीय, प्रस्थित प्रस्थातुम् !. प्रस्थाय मान मान | प्रस्येय सर्तुम्
SR No.002219
Book TitleSulabh Dhatu Rup Kosh Part 01 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnaji B Virkar, Kulchandravijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages284
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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