SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 42
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सुलभधातुरूपकोशः Pres. Part. ___ Pot. Pass. | Past Pass. / Infin. of Gerand or वर्त० धातु विशे Part. | Part. | Purpose Absolutive Act. Pass. विध्यर्थ धातु. भूतकाल०धातु हेत्वर्थक धातु०। पूर्वकाल०धात. कतरि कर्मणि विशे विशे० । अव्यय अव्यय याचित युद्ध रक्षित याचत् याच्य- याचितव्य, याचनीय, याचमान मान याच्य युध्यमान युध्य- | योद्धव्य, योधनीय, मान योध्य रक्षत् रक्ष्यमाण रक्षितव्य, रक्षणीय, रक्ष्य रचयत् , रच्यमान रचयितव्य, रचनीय, रचयमान रच्य रभमाण रभ्यमाण रब्धव्य, रभणीय, रम्य रममाण रम्यमाणरन्तव्य, रमणीय, रम्य याचितुम्। याचित्वा योद्धुम् युद्धा, (नियुध्य) रक्षितुम् रक्षित्वा, । (संरक्ष्य) रचयितुम् रचयित्वा, (विरचय्य) रब्धुम् भ्वा, (आरभ्य) रन्तुम् रत्वा रचित विरमत् विरम्य विरन्तव्य. विरमणीय, विरत विरन्तुम् । विरम्य or माग विरम्य' विरत्य विराजत् विराज्य-विराजितव्य, विराज-| विराजित विराजितुम् विराज्य विराजमान मान नीय, विराज्य । रोचमान रुच्य- रोचितव्य, रोचनीय, रोचिनुम् चित्वा or रोमान . रोच्य । रोचित चित्वा,(संरुच्य) अनुरुध्य- अनुरू- अनुरोद्धव्य, अनु । अनुरुद्ध अनुरोदुम् अनुरुत्र्य | मान ध्यमान रोधनीय, अनुरोध्य । रोहत् रुह्यमाण रोढव्य, रोहणीय, रोह्य (आधा) संलक्ष- संलक्ष्य- संलक्षयितव्य, संलक्षित | संलक्षयितुम् संलक्ष्य । यत्, माण संलक्षणीय, संलक्ष्य संलक्षयमाण लङ्गमान लड्य- लड़ितव्य, . लवित - लहिंतुम् लहित्वा __ मान लहनीय, लड्य (उल्लङ्य) लज्जमान लाज्य- . लज्जितव्य, लज्जित, लग्न लज्जितुम् लज्जित्वा मान लननीय, लज्ज्य रोढुम्
SR No.002219
Book TitleSulabh Dhatu Rup Kosh Part 01 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnaji B Virkar, Kulchandravijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages284
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy