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________________ सुलभधातुरूपकोशः भृत्वा भृत्य | Pres. Part.| Pot. Pass. Past Pass.| Infin. ot | Gerund or वन० धातु विशे० Part. | Part. - Purpose Absolutive Act. Pass. विध्यर्य धातु. भूतकाल धातु इत्वर्थक धातु पूर्वकाल• धातु. कर्तरि कर्मणि विशे० अव्यय अव्यय भरत्, श्रिय- | भर्तव्य, भरणीय, भर्तुम् भरमाण माण माद्यत् मद्यमान मदितव्य, मदनीय, मत्त मदितुम् । मदित्वा . माद्य. मन्यमान मन्य- मन्तव्य, मननीय, | मत मन्तुम् मत्वा, मनित्वा मान मान्य | ( अनुमत्य) निमन्त्र• निम- निमन्त्रयितव्य, निम- निमन्त्रित | निमन्त्रयितुम् | निमन्य यमाण व्यमाण न्त्रणीय, निमन्त्र्य मार्गयत्, मार्य-मार्गयितव्य, मार्ग- | मार्गित / मार्गयितुम् । मार्गयित्वा मार्गयमाण माण| - णीय, माये .. मुञ्चन्- मुच्य- मोक्तव्य, मोचनीय, मुक्त । मोक्तुम् । मुम्वा मुधमान मान । मोच्य । (विमुच्य ) मोदमान मुद्यमान मोदितव्य, मोदनीय, मुदित or मोदितुम् मुदित्वाor मोमोद्य दित्वा, (संमुद्य) मुह्यत् मुह्यमान मोहितव्य, मोग्धव्य, मुग्ध, मूढ | मोहितुम्, मुग्ध्वा or मूदा, मोढव्य; मोहनीय, मोग्धुम् or | मुहित्वा or .. मोह मोढुम् । मोहित्वा मूर्च्छत् मूर्य- मूञ्छितव्य, मूर्छ- मूछित, मूञ्छितुम् । मूच्छित्वा मान/ नीय, मूर्य । नियमाण निय- मर्तव्य, मरणीय, मार्य मृत मर्तुम् । मृत्वा माण मृगय. मृग्य- मृगयितम्य, मृगय- ऋगित मृगयितुम् . मृगयित्वा | माण माण णीय, मृग्य । विमृशत् विमृश्य विमव्य, विनव्य विमृश्य मान विमर्पणीय, विमृश्य यजत् , इज्यमान यष्टव्य, यजनीय, यजमान याज्य यत्तमान यत्यमान यतितव्य, यतनीय, यतितुम् | यतित्वा विस्रष्टुम्, विमम् यटुम् यत्ता यत्य
SR No.002219
Book TitleSulabh Dhatu Rup Kosh Part 01 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnaji B Virkar, Kulchandravijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages284
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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