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________________ सुलमधातुरूपकोशः पूरित 22 Pres. Part. Pot. Pass. | Past Pass.| Infin. ot | Gerand or पर्न धातु विशे० Part.. ___ Part. | Purpose | Absolutive Act. Pass. विध्यर्थ धातु. भूतकाल धातु हेत्वर्थक धातु पूर्वकाल• धातु. करि कर्मणि विशे. विशे० अव्यय अव्यय पूजयत्, पूज्य-पूजयितव्य, पूजनीय, पूजित पूजयितुम् | पूजयित्वा, पूजयमान मान पूज्य (संपूज्य) पूरयत्, पूर्य- पूरयितव्य, पूरणीय, पूरयितुम् पूरयित्वा पूरयमाण माण पूर्य पृच्छत् पृच्छयः प्रष्टव्य, प्रच्छनीय, । या मान, प्रच्छय आपृच्छ- आप. आप्रष्टव्य, आप्रच्छ.. आपृष्ट आपृच्छ्य मान च्छ्यमान नीय, आप्रच्छय प्रथयत्, प्रथ्य- प्रथायितव्य, प्रथनीय, प्रथित | प्रथयित्वा प्रथयमान मान प्रथ्य . प्राणयत्, प्रीण्य- प्रीणयितव्य, प्रीण- प्रीणित प्रीणयितुम् प्रीणयित्वा "मान मान नीय, प्रीण्य. फलत् फल्यमान फलितव्य, फलनीय फलित फलितुम् । फलित्वा वुधित बोधितुम् | बुधित्वा, वो. धित्वा, (संवुध्य) भक्षयितुम् | भक्षयित्वा भक्षित भक्त भक्तुम् भक्त्वा भाषित भापितुम् भापित्वा बोधत्, · युध्य-बोधितव्य, बोधनीय, बोधमान मान बोध्य भक्षयत्, भक्ष्य- भक्षयितव्य, भक्ष °माण माण णीय, भक्ष्य भजत् ; भज्यमा-भक्तव्य, भजनीय, °मान न भाज्य, भाग्य भाषमाण भाष्य-भाषितव्य, भाषणीय, __माण भाष्य भिक्षमाण मिक्ष्य-भिक्षितव्य, भिक्ष। माण णीय, भिक्ष्य . भवत् भूयमान भवितव्य, भवनीय, भव्य भूपयत्, भष्य- भूषयितव्य, भूषणीय, पयमाण माण भव्य भिक्षित भिक्षितुम् भिक्षित्वा भवितुम् भूत्वा, (संभूय ) भूषयित्वा भूषित | भूषयितुम्
SR No.002219
Book TitleSulabh Dhatu Rup Kosh Part 01 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnaji B Virkar, Kulchandravijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages284
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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