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________________ Pros. Part. वर्त० धातु० विशे० Act. Pass. कर्तरि कर्मणि। सुलभधातुरूपकोशः Past Pans. Part. Infin, of Purpose भूतकाल० धातु ० इत्वर्थक धातु० पूर्वकाल० धातु० विशे० अव्यय अध्यय दातुम् Pot. Pass. Part. विध्यर्थं धातु ० विशे० यच्छत् दीयमान दातव्य, दानीय, देय दिशत्, दिश्य- देष्टव्य, देशनीय, देश्य दिशमान मान पश्यत् दृश्यमान द्रष्टव्य, दर्शणीय, दिवत् दत ( प्रदत्त or प्रत्त ) दिष्ट . दृट हृदय दारयत्, दीर्य- दरितव्य or दरीदारयमाण माण तव्य; दारणीय, दार्य द्योतमान द्युत्य- द्योतितव्य, द्योतनीय, द्युतित, द्योत्य माना दूयमान | द्रोतव्य, द्रवणीय, द्रव्य दी द्योतित हुत हात् दुह्यमानद्रोहितव्य, द्रोग्धव्य, द्रोढव्य द्रोहणीय; द्रोह्य मान धावत् धाव्य- धावितव्य, धावनीय धावित. धाव्य, अवधीर- अवधी- अवधीरयितव्य, अवयंत्, र्यमाण धीरणीय, अवधीर्य अवधीरयमाण धरत्, प्रिय धर्तव्य, धरणीय, धार्य धरमाण माण धृत धारयत्, धार्थ धारयितव्य, धारणीय, धारित धारय- माण धार्य दरीतुम् द्योतितुम् द्रोतुम् दुग्ब, डूड द्रोहितुम्, द्रो ग्धुम्, द्रोढुम् धावितुम् अवधीरित | अवधीरयितुम् माण ध्वंसमान ध्वस्य- ध्वंसितव्य, ध्वंसनीय, मान ध्वंस्य अभिन- अभिन- अभिनन्दितव्य, अभि- अभिनन्दित न्दत् न्द्यमान नन्दनीय, अभिनन्द्य देष्टुम् द्रष्टुम् ध्वस्त दरितुम्, धर्तुम् धारयितुम् २९ Gorund or Absolutive दत्वा, (संदाय) दिष्टा, ( आ दिव्य ) दृष्ट्टा दीर्ला, (विदीर्य). योतित्वा, ( विद्युत्य ) दुत्वा (विदुन्य ) , दुहित्वा द्रोहित्वा, दुग्ध्वा, दूढा धावित्वा T अवधीर्य वृत्वा ( विवृत्य ) धारयित्वा ( संघार्य ) ध्वंसितुम् ध्वंसित्वा, ध्वस्त्वा अभिनन्दितुम् ( विध्वस्य ) अभिनन्द्य
SR No.002219
Book TitleSulabh Dhatu Rup Kosh Part 01 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnaji B Virkar, Kulchandravijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages284
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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