SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 30
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सुलभधातुरूपकोशः Pres. Part. Pot. Pass. वर्त धातु विशे Part. Act. Pass., विध्यर्थ धातु० कतरि कर्मणि विशे० Past Pass. Infin. of Gerand or Part. | Porpose | Absolative भूलकाल०धातु० हेत्वर्थक धातु पूर्वकाल. धातु विशे० अव्यय अव्यय गण्य प्रगल्भ्य गणयत्- गण्यमान गणयितव्य, गणनीय, गणित गणयितुम् । गणयित्वा गणयमान गच्छत् गम्यमान गन्तव्य, गमनीय, गत गन्तुम् गत्वा, (आगम्य . गम्य | or आगत्य) संगच्छ- संगम्य- संगन्तव्य, संगमनीय, · संगत। संगन्तुम् संगम्य, संगत्य | मान मान संगम्य गलत् गल्यमान गलितव्य, गलनीय, . गलित गलितुम् गलित्वा गल्य प्रगल्म- प्रगल्भ्य-प्रगल्भितव्य, प्रगल्भ- प्रगल्भित प्रगल्भितुम् मान मान नीय, प्रगल्भ्य अवगा- अवगा- | · अवगाहितव्य, . अवगाढ अवगाहितुम्,। अवगाह, हमान ह्यमान | अवगाढव्य; अव अवगादुम् वगाह्य गाहनीय; अवगाह्य गायत् गीयमान गातव्य, गानीय, गीत. गीत्वा,(प्रगाय) . गेय घोपयत् , घोष्य- घोपयितव्य, घोपयितुम् | घोषयित्वा वोपयमाण माण घोषणीय, घोष्य चरत् चर्यमाण चरितव्य, चरणीय, चरित. चरितुम् .. चर्य, (भाचार्य) चलत् चल्यमान चलितव्य, चलनीय, · चलित। चलितुम् चलित्वा - चल्य चिन्तयत्, चिन्त्य-चिन्तयितव्य, चिन्त- चिन्तित | चिन्तयितुम् । चिन्तयित्वा चिन्नयमान माननीय, चिन्त्य । बोरयत् चोर्यमाण चोरयितव्य, चोरणीय, चोरित चोरयितुम् __ चोरयित्वा चोरयमाण चोर्य जायमा-जन्यमान जनितव्य, जननीय, जनितुम् जनित्वा, (संजन जायमान जन्य न्य or संजाय) अस्पत् जल्प्यमान जल्पितय्य, जल्पनीय, जल्पित । जल्पितुम् । जल्पित्वा गातुम् चरित्वा जात जात । जल्प्य ।
SR No.002219
Book TitleSulabh Dhatu Rup Kosh Part 01 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnaji B Virkar, Kulchandravijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages284
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy