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________________ Pres. Part. वर्त० धातु विशे० Act. Pass कर्तरि कर्मणि सुलभधातुरूपकोशः Past Pass. Part. भूतकाल ०धातु विशे० Pot. Pass. Part. विध्यर्थ धातु विशे० / I भूत भवितव्य अस्यत् अस्य | असितव्य, आस्य, अस्त मान असनीय इष्य- एपितव्य, एष्टव्यं इष्ट इच्छत् माण एष्य अन्वि अन्त्रि अन्वेषितव्य, अन्वे- अन्विपित ध्यत् घ्यमाण टय, अन्वेष्य ईक्षमाण ईक्ष्य- ईक्षितव्य, ईक्षणीय, ईक्षित ईय उञ्छत् उञ्छय- उञ्छितव्य, उञ्छ- उञ्छित मान नीय, उञ्छय समृध्यत् समृध्य- समर्धितव्य, समर्थ ! समृद्ध मान नीय, समृध्य माण अटत् अय्य- अटनीय, अटितव्य, अटित आट्य मान अदत् अद्यमान अत्तव्य, अदनीय, जग्ध आद्य अभ्यर्थ- अभ्य- अभ्यर्थ्य, अभ्यर्थ- अभ्यर्थित यमान माननीय, अभ्यर्थितव्य अर्हत् अ- अर्द्ध, अर्हणीय, अर्हित मान अर्हितव्य अवत् अव्य- आव्य, अवनीय, अवित, ऊत अवितुम् 'भवितव्य मान सत् भूयमान भव्य, भवनीय, भवितुम् असितुम् एपितुम्, ष्टम् इष्ट्टा, अन्वेषितुम् | अन्विष्य ईक्षितुम् ईक्षित्वा उच्छितुम् । उञ्छित्वा समर्धितुम कथितुम् कत्थित्वा कथयितुम् कथयित्वा कम्पितुम् कम्पित्वा कत्थमान कत्थ्य- कत्थितव्य, कत्थनीय, कत्थित मान कस्थ्य कथयत्, कथ्य- कथनीय, कथितष्य, कथित कम्पित कथयमान मान काथ्य कम्पमान कम्प्य- कम्पनीय, कम्प्य कम्पितव्य, मान Infin. of Purpose हेत्वर्थक धातु० पूर्वकाल • धातु • Gerund or Absolutive अव्यय अव्यय अटित्वा २१ अटितुम् अतुम् अभ्यर्थयितुम् अभ्यर्थ्य अर्हितुम् अर्हित्वा अवित्वा जग्ध्वा, प्रजग्ध्य भूत्वा असित्वा, अस्त्वा एपिवा समृध्य
SR No.002219
Book TitleSulabh Dhatu Rup Kosh Part 01 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnaji B Virkar, Kulchandravijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages284
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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