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Pres, Part. धर्म• धातु० त्रिशे० Act. Pass कर्तरि कर्मणि
सुलभ धातुरूप कोशः
Pot. Pass. Part.
विध्यर्थ धातु विशे०
स्तुवत् स्तूयमान स्तोतव्य, स्तवनीथ, स्तुत्य
स्तुवान
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स्तृण्वत् स्तर्य- स्तर्तव्य, स्तरणीय, स्तृण्वान माण स्तार्य स्तृणत् स्तीर्थ- स्तरितव्य, स्तरीतव्यः स्तृगान माण स्तरणीय; स्तार्य स्नात् स्नायमान स्नातव्य, स्नानीय, स्नेय स्नुवत् स्नूयमान स्त्रवितव्य, स्त्रवनीय, स्त्रव्य, स्वपत् सुप्यमान स्वप्तव्यं, स्वपनीय,
स्नाव्य
स्वप्य
ज्ञान
घ्नत् हन्यमान हन्तव्य, हननीय, घात्य, वध्य जहत् हीयमान हातव्य, हानीय,
जिहान हायमान
हिन्वत् हीयमान हेतव्य, हयनीय, हेय जुहत् हूयमान होतव्य, हवनीय,
हव्य, हाव्य हुवान हूयमान होतव्य, हवनीय, हव्य, हाय |जिहियत् हीय हेतम्य, हयणीय,
माण
हेय
ལ་
स्तृत
स्तीर्ण
Past Pass. Infin. of Part. Purpose भूतकाल० धातु० हेत्वर्थक धातु • पूर्वकाल• धातु • त्रिशे०
अव्यय
अव्यय
स्तुत
स्तोतुम्
स्नात
स्नुत
सुप्त
हत
हीन
हान
हित
हुत
हुत
हीत, हीण
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स्तर्तुम्
स्तरितुम्,
स्तरीतुम्
स्नातुम्
स्नवितुम्
स्वप्तुम्
हन्तुम्
हातुम्
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१०५
हेतुम्
होतुम्
होतुम्
हेतुम्
Gerund or Absolutive
स्तुत्वा, ( अभिष्टुत्य )
स्तृत्वा,
( विस्तृत्य )
स्तीर्त्वा, ( विस्तीर्थ ) स्नात्वा,
( प्रम्नाय ) स्नुत्वा,
( अपस्तुत्य ) सुवा,
( प्रसुप्य )
हत्वा
( निहृत्य )
हित्वा
( विहाय )
हावा
हिरवा,
( प्रहित्य )
हुत्वा,
( प्रहुत्य )
हुत्वः,
( अपहृत्य )
हीत्वा ( प्रहीय )