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________________ (१२) श्रीनवनचविस्तरार्थस्य ॥ नवतत्त्वसाहित्यसंग्रहनी विषयानुक्रमणिका ।। (सानुवादसंस्कृतसाहित्यानुक्रमणिका) १.उमास्वातिवाचक विनिर्मित नवतस्व प्रकरण गुर्जर . भाषानुवाद साथे. १ २ जयशेखरसूरिरचित नवतत्वप्रकरण गूर्जरभाषामुवाद साथे. ८ ३-४ अभयदेवरिप्रणीत भाष्यसमेत देवगुप्तसूरि संदृष्ध नवतत्वप्रकरण गूर्जरभाषानुवाद साथे. ९ ५ देवेन्द्रसूरि गुंफित नघतत्त्वप्रकरण गूर्जरभाषानुवाद साथे.३६ __ (संस्कृतसाहित्यानुक्रमणिका.) प्राचीनावचूर्णि-साधुरत्न पूरिकृतावधूणि-देवेन्द्रसूरिधिनिमितवृत्ति-वृहन्नवतत्त्वप्रक्षेप गाथा-तदवचूर्णिसमेतश्रीमय तत्त्व प्रकरण. १ नवतत्वोमां जीवाजीवादि विभाग तथा षडद्रव्योमा परिणा म्यादिविभागदर्शक यंत्रो. ८० (गूर्जरभाषानुवादसमेतसप्ततस्वसाहित्यानुक्रमणिका) श्रीहेमचन्द्र सूरिप्रणीत सप्ततस्व प्रकरण गूर्जरभाषानुवाद साथे. १ सात तत्त्वोमां ज्ञेयहेयोदि विभाग सूचक यंत्र. देवानन्दसूरिरचित सप्ततत्त्वप्रकरण गूर्जरभाषानुवाद साथे. १९ * आ नवतत्त्वसाहित्यसंग्रह, नवतत्त्वप्रकरणविस्तरार्थना परिशिधरूपे योजेल छतां फरमाओ पधी जवाथी तथा विस्तरार्थ बहार पड । प्रेस विगेरेनी अगवडताने लीधे विलंब थवाथी अलग बंधायो छे. पण तेनी विषयानुक्रमणिका त्या दाखल थवी रही गयेल होवाथी अहीं दाखल करी छे.
SR No.002215
Book TitleNavtattva Vistararth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Granth Prakashak Sabha
PublisherJain Granth Prakashak Sabha
Publication Year1923
Total Pages426
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, B000, & B010
File Size7 MB
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