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११--वीर्य की महिमा - स्वप्नदोष में भी वीर्य का नाश होता है। कुछ लोग कहा करते हैं कि वीर्य रक्षा से स्वप्न दोष होता है पर यह कथन भ्रमपूर्ण है । इस भ्रामक विचार का परित्याग करके स्वप्नदोष के असली कारण का पता लगाना चाहिए। फिर उस कारण से बचकर दोषनिवारण का प्रयत्न करना चाहिये । जब तुम सो रहे होओ, तब तुम्हारी जेब में से अगर कोई रत्न निकाल कर ले जाने लगे और उस समय तुम जाग उठो तो आंखों देखते क्या रत्न ले जाने दोगे ? नहीं, तो फिर स्वप्नदोष के कारण जान-बूझ कर वीर्य को नष्ट होने देना कहां तक उचित कहा जा सकता है ?
१२--ब्रह्मचर्य और रसनानिग्रह ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिये, साथ ही स्वास्थ्य की रक्षा के लिये जिह्वा पर अंकुश रखने की बहुत आवश्यकता है । जिह्वा पर अंकूश न रखने से अनेक प्रकार की हानियां होती हैं । इससे विपरीत जो मनुष्य अपनी जीभ पर काबू रखता है उसे प्रायः वैद्यों और डाक्टरों के द्वार पर भटकने की आवश्यकता नहीं रहती ।।
अनेक लोग ऐसे हैं जिनके लिये जीवन की अपेक्षा भोजन अधिक महत्त्व की वस्तु है । वे जीने के लिए नहीं खाते पर खाने के लिए जीते हैं । भले ही कोई सीधी तरह - इस बात को स्वीकार न करे मगर उसके भोजन-व्यवहार को देखने से यह सत्य साफ तौर से प्रगट हुए बिना नहीं रहेगा। यही कारण है कि अधिकांश लोग जीवन के शुभ-अशुभ की