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पंचदश अध्याय
पृ. सं.
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६३९ ६३९
६४२ ६४३
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१.जीव का परिणमन २.सोमिल के प्रश्न ३. अस्ति-नास्ति ४. कालोदाई आदि का सन्देश ५. त्रिभंगी ६. सप्तभंगी
७. लोक : शाश्वत-अशाश्वत ८. अनगार जमाली ९. पुद्गल का परिणमन १०. राजा जितशत्रु : अमात्य सुबुद्धि ११. अनेकांत और व्यवहार १२. विभज्यवाद
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६४० ६४१ ६४१
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