________________
द्वादश अध्याय
५७९९४.१०
५९२
१. आत्मा का अस्तित्व और पुनर्जन्म २. कुमारश्रमण केशी और राजा प्रदेशी ३. जीव और शरीर की भिन्नता ४. अपराधी को मुक्ति कहां? ५. लोहकुंभी और चोर ६. कूटागारशाला और भेरीवादक ७. लोहकुंभी बनाम कृमिकुंभी ८. लोहपिंड और अग्नि ९. तरुणपुरुष और बाण १०. तरुणपुरुष और लोहभार ११. तरुणपुरुष और काबर १२. जीवित चोर और मत चोर का मापन १३. हवाभरी मशक और खाली मशक
पृ.सं.
१४. मूढ लकडहारा ५८० १५. क्या जीव देखा जा सकता है? ५८० १६. जीवत्व की समानता ५८१ १७. हाथी और कुंथु ५८३ १८. कूटागारशाला और दीपक ५८४ १९. आत्मकर्तृत्व ५८५ २०. संकल्प द्वारा वेदना का उपशमन ५८५ २१. मुनि अनाथी और राजा श्रेणिक ५८६ २२. आत्मकर्तृत्व के कुछ पहलू ५८७ २३. आत्मकर्तृत्व और नियतिवाद ५८७ २४. श्रमणोपासक कुंडकौलिक ५८८ २५. भगवान महावीर और सद्दालपुत्र . ५८९ २६. परमात्मा
५९३ ५९४ ५९५ ५९५
५९८ ५९९
'५९९
६०१
६०३