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१. उपेक्षा का दुष्परिणाम
२. संघ का स्वरूप
३. संघबद्ध साधना के सूत्र
४. सामाचारी
५. व्यवहार संघीय व्यवस्था के सूत्र
६. एकाकी बिहार के अयोग्य
६. एकाकी बिहार के दोष
७. एकलविहार प्रतिमा का अधिकारी
८. गणधर की अर्हता
षष्ठ अध्याय
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९. गणिसंपदा
१०. साधु-साध्वी : पारस्परिक व्यवहार
११. गण में विग्रह के हेतु
१२. आचार्य गर्ग और अविनीत शिष्य
१३. गण निष्कासन के हेतु
१४. संघसेवा कर्मक्षय का हेतु
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१५. मेघकुमार
१६. उपेक्षा सेवा की : विधान प्रायश्चित्त का
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