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निर्देशिका व प्रेरिका भी हैं । समिति के समस्त सदस्य उनके चरणों में सादर कृतज्ञता प्रकट करते हैं। इस ग्रन्थ के प्रकाशन में सहयोग देने वाले श्रावक-श्राविकाओं ने सहयोग देकर समिति के कार्यों में योगदान ही नहीं किया पुण्योपार्जन भी किया है । वे सब धन्यवाद के पात्र हैं।
प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन-कार्य में आरम्भ से ही पूर्ण सहयोगी बने रहने वाले श्री राजकुमार शर्मा (प्रबन्धक), श्री प्रीतमचन्द शर्मा (कम्पोजिग विभाग) एवं श्री हरिचन्द राणा (मशीन इन्चार्ज) एवं आत्म जैन प्रिंटिंग प्रेस के समस्त कर्मचारियों का मैं हृदय से आभारी हूं, क्योंकि इन सबका सहयोग ही प्रकाशन की पूर्णता में सहायक रहा है। • अतः मैं पुन: सम्पादक मण्डल, दानी सज्जनों का धन्यवाद करते हुए इस शास्त्र के अनुवादक व्याख्याकार श्रमण-संघ के प्रथम शास्ता आचार्य-सम्राट पूज्य श्री प्रात्माराम जी महाराज की पुण्य-स्मृति में प्रस्तुत शास्त्र उन्हीं के कर-कमलों में समर्पित करता हूं। इस प्रकाशन कार्य में यदि कोई त्रुटि जाने-अनजाने में रह गई हो तो उसके लिये मैं कर-बद्ध क्षमा चाहता हूं।
-पुरुषोत्तम जैन जैन भवन
संयोजक-पच्चीसवीं महावीर निर्वाण शताब्दी संयोजिका समिति पंजाब 20-1-1994
विमल कोल डिपो, पुराना बस स्टैण्ड, महावीर स्ट्रीट,
मालेर कोटला (पंजाब)
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