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________________ अष्टम अध्ययन, उद्देशक 1 717 . मूलम्-उडूढं अहं तिरियं दिसासु सव्वओ सव्वावंती च णं पाडियक्कं जीवेहिं कम्मसमारंभे णं तं परिन्नाय मेहावी नेव सयं एएहिं काएहिं दंडं समारंभिज्जा, नेवन्ने एएहिं काएहिं दंडं समारंभाविज्जा, नेवन्ने एएहिं काएहिं दंडं समारंभतेऽवि समणुजाणेज्जा जेवऽन्ने एएहिं काएहिं दंडं समारंभंति तेसिपि वयं लज्जामो तं परिन्नाय मेहावी तं वा दंडं अन्नं वा नो दंडभी दंडं समारंभिज्जासि त्तिबेमि॥198॥ - छाया-ऊर्ध्वमधस्तिर्यग् दिक्षु सर्वतः सर्वाः (या काश्चन दिशः णं) प्रत्येक जीवेषु कर्म समारम्भः (ण) तं परिज्ञाय मेधावी नैव स्वयं (आत्मना) एतेषु कायेषु दण्डसमारभेत्, नैवान्येन एतेषु कायेषु दंडं समारम्भयेत् नैवान्यान् एतेषु कायेषु दंडं समारभमाणानपि समनुजानीयात् ये चान्ये एतेष कायेष दंडं समारम्भन्ते तैरपि वयं लज्जामः तं परिज्ञाय मेधावी तं वा दंडं अन्यद् वा नो दण्डभीः दंडं समारभेथाः इति ब्रवीमि। पदार्थ-उड्ढे-ऊंची। अहं-नीची। तिरियं-तिरछी। दिसासु-दिशाओ में। सव्वओ-सर्व प्रकार से। सव्वावंति-सब। च-च शब्द से विदिशाओं में। णं-वाक्यालंकार अर्थ में है। पाडियक्कं-प्रत्येक । जीवेहि-जीवों में। कम्मसमारंभेकर्म समारम्भ-उपमर्दन रूप क्रिया का आरम्भ। णं-प्राग्वत्। तं-उस समारम्भ को। परिन्नाय-जानकर-ज्ञ परिज्ञा से जानकर और प्रत्याख्यान परिज्ञा से त्याग कर। मेहावी-बुद्धिमान। नेवसयं-न स्वात्मा से। एएहिं काएहिं-इन कायों पृथ्वी आदि कायों में। दंडंसभारंभिज्जा-उपमर्दन रूप दंड का समारम्भ करे। नेवन्ने-न अन्य व्यक्तियों से। एएहिं काएहिं-इन पृथ्वी आदि कायों में। दंडं समारंभिज्जासिउपमर्दन रूप दंड का समारम्भ करावे। नेवन्ने-न अन्य व्यक्तियों को। एएहिं काएहिं-इन पृथ्वी आदि कायों में। दंडं समारतेऽवि-उपमर्दन रूप दण्ड का समारम्भ करने वालों के कार्य को। समणुजाणेज्जा-अच्छा समझे, और। जेवऽन्ने-जो अन्य। एएहिं काएहिं-इन पृथ्वी आदि कायों में। दंडं समारंभंति-उपमर्दन रूप का दंड का समारम्भ करते हैं। तेसिंपि-उनके इस जघन्य कार्य से भी। वयं लज्जामो-हम लज्जित होते हैं। तं-उन जीवों में। मेहावी-बुद्धिमान। परिन्नाय
SR No.002206
Book TitleAcharang Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Shiv Muni
PublisherAatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti
Publication Year2003
Total Pages1026
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size19 MB
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