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२८ ]
दइए=प्यारा था दडु = देखकर
दडुं=देखकर दहूण = देखकर दडपुव्वो=
पूर्व मुझे दग्ध किया गया
दढपरक्कमा=दृढ़ पराक्रम वाले हुए
दढव्वओ= दृढ व्रत वाला
दढा=दृढ़ दंड=दंड विद्या
उत्तराध्ययनसूत्रम्
५८४,
७७१
५८७
६८२
दमीसरा = हे दमीश्वर ! दमीसरे=दमीश्वर था दया = दया से
दयाप= दया से
ददामि दूँ ( देता हूँ ) दो दग्ध किया दंतसोहणम् = दंत शोधनमात्र दन्तेदान्त - इन्द्रियों का दमन करने
६४८,८५६
वाला
दन्तोदान्तेन्द्रिय दपं= दर्प दम-उपशम और द- इन्द्रियदमन दमसायरो = इन्द्रियदमनरूप समुद्र
अथवा उपशम रूप समुद्र का तरना
८१६
६८५ | दसण्ण- दशार्णं देश का दसमे= दशवाँ
७६६ | दसार= दशार्ह
वाला
६६८, ६१७ दन्तं दान्त - इन्द्रियों को दमन करने
६५८
८२३
७६.५
दव्वओ= द्रव्य से
दव्वे = द्रव्य में
दसारा=यादवों का समूह
६६४
७०४ | दसहा=दश प्रकार के शत्रुओं को
दंस=दंश
दंसणं-दर्शन
दंसणेण दर्शन से दंसणेणं-दर्शन से
दंसमसगं=दंश और मशक के परिषहों
के प्राप्त होने पर
दस = दस
दसरणभद्दो- दशार्णभद्र राजा
[ शब्दार्थ-कोष
१०७६, १०७७ ७३३
६६२, ६६४, ६६५, १०३२
७५६
११२० | दही-दधि.
८६१, ८६४ | दाराव दानव ६६०
दारं-स्त्री
दयाणुकंपी= दया के द्वारा अनुकम्पा
करने वाला दरिसणे-दर्शन होने पर
दलित-दलन करके दवग्गिणा = दावाग्नि द्वारा दवदवस - शीघ्र शीघ्र
दंसमसग = दंश, मशक की
७७१, ६५५ | दाहो = दाह
८५८ | दारए= बालक ७५८ | दारगा - उसके दोनों पुत्र दाराणि स्त्रियाँ | दारुणो-दारुण है। ८०८ | दारे स्त्रियों में
६७३ दारेहिं = द्वारों से निवृत्त हुआ
७५६
६८५
६६१
६७४
१०३२
६४२
१०२६, १०७५
८५६
६७३
६४५
७६६
७१४
१०१५
७८५, ८५३
६२८, ६२६
६३८
७३२
८००
६१० | दिउसमा द्विजोत्तम ७५१ |दिओ-द्विज ब्राह्मण दिच्छसि = देखेगा ६३६ | दिजाहि=दी ७७५ | दिट्ठपुवं पूर्वदृष्ट है ६२२ | दिट्ठा = परिचित होवे ६२८ | दिट्ठीए दृष्टि से ७०६ | दिट्ठिसंपन्नो=दृष्टि सम्पन्न होकर
७३३
ट्यूट
८८१
११३३
१११०
६६०
८८५
७७४
६५२
७४६, ७७४, ८०५
७४६