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उत्तराध्ययनसूत्रम्
[ शब्दार्थ-कोषः
६०६
६६०
कहेजा-कहे
६६६ | कालओ-काल से १०७६, १०७७ का-कौन सी ६०७, १०४०, १०५७ कालकूडं-कालकूट काऊं-सम्पादन करने के लिए १६६, ६६३ | कालगच्छवी-कृष्ण कांति वाला था १५५ काऊं-करके .
६८२ | काले प्रस्ताव में ६९२,७४८, १०७५, १०८० काउण-करके
८७०, १२३ कालेण-काल में ६३७, २०७४ काऊणं करके
___७६ कालेणं-काल में १००१, ११०२ काणण-वृक्ष
७७० कालेण कालं यथा समय के अनुसार कामकमा स्वेच्छापूर्वक विचरने वाले ६३० क्रियानुष्ठान करता हुआ १३७ कामगुणा-कामगुण ५६६,६१६ कालो-काल है समय है क्योंकि ६१४ कामगुणे-कामगुणों से ५८४, ६१६, ६२० कावि-थोड़ी भी
१०० ६२६, ६३५, ६६३ कावोया कपोत के समान
८०० कामगुणेहि कामगुणों से निमंत्रण कासवो-काश्यप ऋषभ देव हैं १११३
करता हुआ ५६१, ६०० | कासिरायावि-काशिराज भी कामहुहा-कामदुघा . ८६६ | काहए-कथन किया है
६१७ कामभोगरसन्नुणा-कामभोगों के रस काहामि-करूँगा
७०४ ___को जानने वाले को ७६६ | काहिसि-करेगा कामभोगा-कामभोग ५६५, ६९६ किञ्च-करणीय कार्य है ५६ कामभोगे-कामभोगों को ६३४, ६६७,७६४ किच्चा करके
७६५ कामभोगेसु-कामभोगों में ५८५, ६२८ किड्-क्रीड़ा कामरागविवडणी-कामराग को बड़ाने कित्तयओ-कहते हुए
१०७६ वाली
६८७ किरिय=क्रियावादी ७४०,७४६ कामलालसा काम भोगों की लालसा | किलेसइत्ता-क्लेशित करके ६०२ ___ करने वाले ११४० | किलंतो-लान्त होकर
६२४ कामाई-कामभोगों को छोड़कर ७५०
११२० कामे कामभोगों को ६३३ किंनाम=नाम
७०४ कामेसु-कामभोगों में
६३१ किं-क्यों ७२६, ७३०,१००८, १०१६, १०२६, कामेहि कामभोगों से जो ११२४
१०६२ काय-काया ६५४, ११२३ किंगुत्ते-क्या गोत्र है
७३८ काय-काया को
१०६४ किंचि-किंचिन्मात्र ६१३,६२६, ६५४, ७१०, कायगुत्ती कायगुप्ति १०७२
६०६ कायगुत्तो-कायगुप्त ६६४ किंचिवि-किंचित् भी
८१० कायेण-काया से ६४७ | किन्नरा=किन्नर
१०१६ कारणं कारण है १००८, १०१६, १०२६ किंनामे-क्या नाम है
७३८ कारणाकारण से ८८५,६६७ किंपमासई-क्या २ नहीं बोलते ७४०
किसं-कृश .