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॥ गमो सुअस्स ॥
जैन शास्त्र माला - तृतीयं रत्न म्
उत्तराध्ययनसूत्रम् संस्कृतच्छाया-पदार्थान्वय- मूलार्थोपेतं आत्मज्ञानप्रकाशिकाहिन्दी भाषा - टीकासहितं च द्वितीयो भागः
अनुवादक
जैनधर्मदिवाकर, जैनागमरत्नाकर, साहित्यरत्न, जैनमुनि
श्री श्री श्री १००८ उपाध्याय श्री आत्माराम जी महाराज
पञ्जाबी
प्रथमावृत्ति १००० ]
प्रकाश क
खजानचीराम जैन
जैन शास्त्रमाला कार्यालय जैन स्ट्रीट, सैदमिट्ठा बाजार, लाहौर
[ मूल्य लागतमात्र महावीराब्द २४६७ विक्रमाब्द १९९८ ईसवी सन् १९४१