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________________ (viii) 104 105 109 112 113 123 - सर्वज्ञता - समय, समयके दो अर्थ - आकाश-काल-धर्म-अधर्म 106 - दिशाओं की ज्यामिति 107 - काल की वैज्ञानिक अवधारणाएं पुद्गल 110 (i) अचित महास्कन्ध, विलक्षणता-अपवाद 110 (ii) पुद्गल के प्रकार, शब्द (iii) परमाणुवाद, परमाणु समुदय, परमाणु के स्पर्श (iv) परमाणु का स्वरूप 115. . (v) परमाणु के गुण, इन्द्रिय ज्ञान और सीमाएं 116 (vi) प्रकाश, शब्द और रंग, आयुर्वेद का दृष्टिकोण, शरीर का 'करण' बनना (vii) पुद्गल की काल-स्थिति (viii) परमाणु की अतीन्द्रियता आत्म तत्त्व (i) मस्तिष्क और आत्मा 123 (ii) इन्द्रिय और आत्मा 125 (iii) आहार और जीव 126 (iv) वनस्पति का चैतन्य 127. (v) विकासवाद 129. (vi) आनुवांशिकता (vii) क्लोनिंग अनेकान्त का वैज्ञानिक पक्ष - अनेकांत, वस्तु अनन्त धर्मात्मक शैक्षणिक विधा - सापेक्षता, अनेकांत का दूसरा नाम सापेक्षवाद आइंस्टीन का उदाहरण 135 सिद्धसेन दिवाकर का योगदान 135 - सैद्धान्तिक पक्ष 136 दार्शनिक पक्ष - वैज्ञानिक पक्ष 140 - सापेक्षता का सिद्धान्त, अनिश्चितता का सिद्धान्त, अवक्तव्य . 142 130 131 138
SR No.002201
Book TitleJain Vidya aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahaveer Raj Gelada
PublisherJain Vishva Bharati Samsthan
Publication Year2005
Total Pages372
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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