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श्री द्वादशांग पुरुषः
पादयुग जंधोरु गातदुवगं च दीयबाहूता । गीवासिरंच पुरिसो बारस अंगो सतविसिट्रो।
द्वादशोपोगान
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1 श्री अनुपात कायम
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श्री सूर्यो श्री याम श्रीपगम् श्री श्याम श्रीम श्रीधिको पांगम
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પંડિત શ્રી રૂપવિજયજી કૃત પીસ્તાલીસ આગમની મોટી પૂજા તથા પરિચય
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