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________________ संग्रहणीसूत्र. अमा नीचो श्रने नक्षत्र उंचां बे; परंतु उपर नीचे करी संगातेज चार चरे जे. अ. ज्यंतरचारि अनिजित नदात्र ते बाहेर न होय, अने बाहेरचारि मूल नदात्र ते श्रज्यंतरचारि न होय. ते माटे नत्रनो मंगल ते चंद्र सूर्य अने ग्रह संगाते अनियतस्थिति योगीज होय. ॥ हवे जंबूछीपनेविषे चंजसूर्यना मांडलानी वक्तव्यता कहे . ॥ पन्नरस चूलसीइसयं ॥ इहससि रविमंडलाइं त्तकित्तं ॥ जो यण पण सयदसदिय ॥ नागा अडयाल गसहा ॥१॥ अर्थ-मंडल एटले एक सूर्य दक्षिण दिशिथी चाली उत्तर दिशाए श्रावे, अने बीजो उत्तर दिशिथी चाली दक्षिण दिशाए श्रावे, एक अहोरात्रे अर्ड मंडलदेत्र दक्षिण दिशिनो सूर्य अने अर्थ मंडलदेत्र उत्तर दिशिनो सूर्य जखंघे. बेज मत्या मंमलाकार थाय. तेमाटे एने मंडल कहीएं. मंडल, क्षेत्र जेटला क्षेत्रमा चंडमा सूर्य पोत पोतानां मंडल ज्रमण करे, ते देत्र पांचसे दश योजन उपर एक योजनना एकसठीया घडतालीश नाग बे, ते नीचे गाथाना अर्थमां लखे बे. पन्नरस के पंदर मांडला चंप्रमाना , श्रने चुलसीइसयं के० ( १७४) मांडला सूर्यना . इह के ए ससि रवि मंमलाइ के० चं सूर्यना मांडला तकित्तं के तेहनु क्षेत्र जंबुछीपने विषे जेटवू ने तेटर्बु कहे . जोयणपणसय दसहिय के० पांचसे दश योजन अने उपर एक योजनना गसहा के० एकसठीया नागा अभ्याल के अडतालीश नाग अधिक एटला क्षेत्रमा सर्व मामला . ॥१॥ ॥ हवे एनुं गणतीए परिमाण करे बे. ॥ तिसि गसहा चनरो ॥ ग ग सहस्स सत्त नश्यस्स ॥ पणतीसं च छ जोयण ॥ ससि रविणो मंडलं तरयं ॥२॥ अर्थ-एक योजनना गसग के एकशठ नाग करीये, तेवा तिसि के त्रीश नाग श्रने ग के एक गसठस्स के एकसठीथा नागना सत्तनश्यस्स के सात नाग करीएं, तेवा चूरणीया चजरो के चार नाग, अने पणतीसंच जोयण के पांत्रीश योजन उपर एटदुं ससि के चंद्रमाने मांडले मांडले अंतर . श्रने मुजोयण के० बे योजन- रविणो के सूर्यने मंडलं के मंमला मंडलाने अंतरयं के अंतर बे. तेहनी गणती श्रावी रीते बे, जे सूर्यना एकसो चोराशी मांडलाना एकसो त्र्यासी अंतरा , ते एकेका अंतरानुं परिमाण बे योजन , तेहने एकसो व्याशी गुणा करीए, तेवारे सर्व मलीत्रणसे बाश जोजन प्रांतराना थोय. वली सूर्यना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002168
Book TitlePrakarana Ratnakar Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1912
Total Pages896
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size27 MB
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