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________________ कर्मग्रंथ चोथो. ए गाथा ३१ पारिग्राफ बीजामां केवली समुद्घातनी हकीकतमा बीजे समये औदारिक अने बीजो मिश्र ए बे योगी होय ते बराबर नश्री, पण तेनी जग्याए एक औदारिक मिश्रयोग होय. १० गाथा ३२ पारिग्राफ बीजो बेवट औदारिके मिश्र कार्मण ने ते बदल श्रौदारिक मिश्र अने कार्मण समजवा योग्य . ११ गाथा ५० मीनी ११ मी पंक्तिमा औदारिक मिश्र ए छिक बदल औदारिक अने औदारिक मिश्र ए हिक जोइए. १२ गाथा ५६ पारिग्राफ ४ आहारक हिक श्रने जिननाम वर्जीने ज्ञानावरणीनी पांच थादि ६५ प्रकृति एम डे तेमां नामकर्मनी ३२ करी ले ते बदल नामनी ३१ बराबर मली रहे बे, अने एक प्रकृति घटे ते बदले देवायु उमेरवानी जरुर ले. १३ गाथा ५७ पारिग्राफ पांचमामां मिथ्यात्व गुणगणा संबंधी दसथी २७ बंधहेतुनी समजणमा बेवट एक नय, बीजी जुगुप्सा, त्रीजो अनंतानुबंधी तथा बकायनो वध एवं ए, दसमुं मिथ्यात्व एक युगल एवं १५, त्रण वेद एवं १५, बे कषाय अने १७ मो योग ए प्रमाणे जे. एमां ३ वेद बदले एक वेद जोशए अने बे कषाय ते बदल त्रण कषाय जोशए अने एक इंजिनी अविरति वधारवानी डे ए ३ बाबतमां सुधार. श्रागल जतां १५ मा पारिग्राफमा तेज गुणगणा संबंधमां दसथी १० बंधहेतुना सरवालामा १६ बंधहेतुना नांगा श्श्६४०० कर्या ने ते बदल २६६४०० समजवा. १४ गाथा ६७ मां डेवट शेष २५ मोह प्रकृतिनो उपशम थयाथी जे स्थिरतारूप चारित्र प्रगट थाय तेने औपशमिक चारित्र कहीए तेमां २५ बदल २१ समजवानी बे. ___ १५ गाथा ६७ प्रथम पारिग्राफमां दायिक चारित्र संबंधी हकीकतमां पण पूर्वोक्त २५ बदल १ समजवी. वली तेना बीजा पारिग्राफनी एमी पंक्तिमा अवधि श्रने मनःपर्यव ज्ञानावरण पडी जे अचकुदर्शनावरण जे ते अत्रे निरुपयोगी होवाथी काढी नाखवू. वली तेमां बेवट बे पंक्ति उपर अनंतानुबंधीया ४ मिथ्यात्व मोहनीयना योपशमे होय अने समकित मोहनीयना उदयने वेदे एवा शब्द बे तेमां अनंतानुबंधीया ४ अने मिथ्यात्व मोहनीयना क्षयोपशमे अने सम्यक्त्व मोहनीयना उदयने वेदे त्यां वेदक सम्यकूत्व होय. १६ गाथा ७१ चोथी पंक्तिमा उपशम सम्यक्दृष्टि बदल दायिक सम्यक्दृष्टि ग्रहण कर. नहि तो अनर्थ थाय. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002168
Book TitlePrakarana Ratnakar Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1912
Total Pages896
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size27 MB
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