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________________ शोभन कृत जिनस्तुति, ० अवतरण - हवे श्रीमुनिसुव्रत जिनस्तुति नर्दटकवृत्ते करीने कहेले. जिनमुनिसुव्रतः समवताजनतावनतः ॥ समुदितमानवा धनमलोजवतोभवतः ॥ अवनिविकीर्णमादिपतयस्य निरस्तमनः ॥ समुदितमानबाधनमलोभवतोभवतः ॥ १ ॥ व्याख्या - हे नव्यजनो! जे मुनिसुव्रत नामे जगवान् दीक्षाग्रहणे करीने लोभवतः के० लोन परिणामरहित एवो भवतः के यवा लाग्यो बतां, ते दीक्षा कालना वर्षदान समये, अवनिविकी के० भूमिनेविषे पसरेला एवा, यस्य के० जे मुनिसुव्रतना धनं के० इव्यने समुदितमानवाः -- समुदित के० हर्ष पामेला जे नव्यप्राणी ते प्रादिषत के० ग्रहण करता हवा; अने जे जनतावनतः के० जनसमूहे वंदन करेलो, घने निरस्तमनः समुदितमानबाधनमलः - निरस्त के० टाल्या बे, मनः समुदित के मननेविषे एक ठेकाणे मलेजां एवां मान के० प्र निमान, बाधन के० रोगादिकनी पीडा ने मन के० यात कर्मरूप मल जेणे एवो ते जिनमुनिसुव्रतः के० श्रीमुनिसुव्रतनामे तीर्थंकरदेव, ते नवतः के० तमोने नवतः के० संसारथी समवतात के० उत्तम प्रकारे करीने रक्षण करो. ॥ १ ॥ प्रणमततंजिनव्रजमपारविसारिरजो ॥ दलकमलानना महिमधामनयासमरुक ॥ यमतितरांसश्वरयोपिदिला मिलनो ॥ दलकमलाननाम हिमधामनयासमरुक् ॥ २ ॥ ० व्याख्या - हे नव्यजनो ! यंके० जे जिनसमूहने, अपार विसारिरजोदन कमलान ना-खपार के० दूरप्रदेश पर्यंत, विसारि के० प्रसार पामनारी बे, रजके० धूल जेनी, अने विस्तीर्ण वे दल के० पत्रो जेनां एवं जे कमल, तेना सरखं बेजान नके मुख जेनुं एवी ने रुक के रोगरहित एवी ने इजा मिलनोदलकम ला-इला के० पृथ्वी, तेनेविषे जे मिलन के० आलोट, तेणेकरीने उत् के० प्राप्त थयुंबे, खलकके० केशने विषे मलके० मलिनपणु जेना एवी, धने हिमधाम नया समरूक्के ० चंदनीकांति सरखी जेनी कांति बे एवी, सुरेंश्वरयोषित्के देवेंड् न श्रेष्ठ स्त्री जे इंझणी, ते प्रतितरां के अत्यंत प्रेमेकरीने ननाम के० वंदन क रती हवी; तं ते महिमधाम के महिमानुं केवल घर एवा प्रने नयासं के० सात प्रकारना जयनो नाश करनारा एवा जिनवजं के जिनसमूहने तमे प्रणम त के० वंदन करो. ॥ २ ॥ ७ ० ० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002167
Book TitlePrakarana Ratnakar Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year
Total Pages272
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size18 MB
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