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प्रकरणरत्नाकर जाग पहेलो. बसे, कायामें मरन गुरुवर्त्तनमें हीनता; सुचिमें गिलान बसे प्रापतिमें हानि वसे, जैमें हारि सुंदर दशामें बबि बीनता; रोग बसे जोगमें संयोगमें वियोग बसे, गुनमें गरव बसे सावमांहि दीनता; और जगरीति जेती गर्जित असाता सेती, साताकी स हेली है अकेली उदासीनता ॥ २७ ॥ दोहराः ॥-जिहि उतंग चढि फिरि पतन, नहि उतंग बहिकूप; जिहि सुख अंतर जयवसे, सो सुख है उखरूप ॥२॥ ॥ जो विलसे सुष संपदा, गये ताहि उख होश; जो धरती बहु त्रिणवती, जरे श्रगनिसों सोई ॥ ३० ॥ इति गुरुउपदेस समाप्तः ॥ दोहराः ॥-सबदमांहि सतगुरु कहै, प्रगटरूप जिन धर्म; सुनत विचक्षण सद्दहै, मूढन जानै मर्म ॥ ३१॥ __ अर्थः-अहो! जीव! चेतन! तमे मोह निसा तजोने जागो, अने सत्य खरूप देखीने मायारूप संपदाने शुं वलगी रह्याठो; पृथिवी प्रमुख अढार नारादीक जेने तेमां तमें क्यांथी थाव्या बो? श्रने कही दशामा जोशो? श्रने जेनी साथे तमे राची रह्याबो, तेतो मायाजाल संपदा ज्यांनी त्यां रहे. ए मायाजाल तमारी जाती नथी, तथा पाती नयी श्रने माया तमारा वंशनी वेली नथी, श्रने तमारा अंश के एक देशनी पण कांई नथी, तेथी तमारे शने मायाने संबंध तो कोई पण नथी. अने तमे पो तानी करीने जाणोडो. तेथी ए कहेवत साची करो डो, के दासी कर्या वगर लात मारो डो, तेथी उत्पात थाशे. माटे हे ! महंत पुरुषो! एवी अनीति न करवी ॥२४॥ माया अने बाया एक सरखीज बे. क्षणमां वधे अने दणमां घटे . तेथी ए मायानी संगते जे लागी रहे, तेने क्यारे पण सुख थातुं नथी ॥ २५॥ श्रा जे पुत्र कलत्रादिक तुं पोताना जाणे बे, तेतो पारका लोको जेवा बे, ए लोकोनी साथे तारो कांई नातो नथी. अने ए लोकोने पण तादारी साथे कोई प्रकारनो नातो नथी. ए जे पुत्रकलत्रादि लोको डे सेतो पोताना स्वार्थना रसथी ताहारी साथे रमी रह्या बे, अने अरे! चेतन! तुं तो पोताना चेतनारूप परमार्थना रसमां राची रह्यो . वली ए जे लोको २ ते तारा तनथी तन्मय थई रह्या , एटले तारा श रीरथी मोहित बे, अने ए शरीर तो जम अने तुं तो चेतन बे. तेथी ते जमथी तारी सदा जिन्नता बे. माटे राग श्रने क्षेष रूप मोह कर्मनो नातो तोमी पोतानुं बल फोरवीने सुखी था ॥ २६ ॥ जे जीव राग द्वेषथी पुष्ट बुधि थई रह्यो ते तो इंसादिकनी जंची पदवी चाहे बे, श्रने जे जीव सदाई समरसी जावमां रहे , ते ने कोई जंच पदवीनी चाहना थती नथी. ॥ २७ ॥ हांसीने सारी मानीए डे पण तेमां विषवाद वसे बे, विद्याने सारी जाणीए बीए पण तेमां विवाद ऊगडो वसे बे; का याने सारी जाणीए बीए पण तेमां मरणदोष , गुरुताई के बडाईने सारी जाणीए
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