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न२(न. 339
ormann 335
શ્રી સાગગગા,
जाप
नम्र सूचन इस ग्रन्थ के अभ्यास का कार्य पूर्ण होते ही नियत
समयावधि में शीघ्र वापस करने की कृपा करें. जिससे अन्य वाचकगण इसका उपयोग कर सकें.
बाजी मामबागर परिक्षर श्री नागोर बाजाराषमाओवा
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