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२४
२५
२६
२७ श्रात्मसिद्धि
उपदेशप्रद
२८
२६
३०
अनेकान्तवाद प्रवेश अनेकान्त सिद्धि
३५
३६
श्रष्टक प्रकरण
दरिसणसत्तारि ( दर्शनसप्ततिका)
द्विजवदनचपेटा
३१
३२
३३ ३४ पंचाग
धम्म संगहणी
धमबिन्दु धूर्ताख्यान
स्वोपज्ञ टीका रहित मौलिक ग्रन्थ
भावना सिद्धि भावाथमात्रवेदिनी
३७ योगबिन्दु
३८ योगशतक
३६ लघुक्षेत्र समास वा जम्बूद्वीप क्षेत्र समास
४० लग्नशुद्धि या लग्ग कुंडलिया
४१ लोकतत्त्व निर्णय या नृतत्त्व निगम
४२ वोरथय या वीरस्तव
४३ बीस वीसीश्रो
૪૪
श्रावक धर्मतन्त्र
४५
षड्दर्शन समुच्चय षोडश प्रकरण
४६
४७
समराइच्चकहा संसार दावानल स्तुति
४८
४६ संवाहपगरण या तत्तपयासग
५०
स्याद्वाद कुचोदपरिहार
५३
१
प्रोध निर्युक्ति २ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति
३ लघुक्षेत्र समास वृत्ति
४ अनेकान्त प्रघट्ट
५
उपएस पगरण
६ जम्बूदीव संग्रहणी
७
त्रिभंगी सार
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श्राचार्य हरिभद्र को कतिपय ऐसी रचनाएँ भी उपलब्ध हैं, जिनके विषय में निश्चित रूप से यह नहीं कहा जा सकता कि इन रचनाओं के कर्त्ता याकिनी महत्तरासून श्राचार्य हरिभद्र सूरि ही हैं, अथवा उत्तरकालीन अन्य हरिभद्र नाम के प्राचार्य हैं। जबतक इस संबंध में पुष्ट प्रमाण उपलब्ध न हों, तबतक निर्णयात्मक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है । इन संदिग्ध रचनाओं की तालिका निम्न प्रकार हैं :--
(सं० मुद्रित ) (सं० अनुपलब्ध) (सं० मुद्रित ) (सं० अनुपलब्ध) ( प्रा० मुद्रित )
(सावगधम्मपगरण ) ( प्राकृत)
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( मुद्रित ) (प्रा० मुद्रित)
(सं० मुद्रित ) ( प्रा० मद्रित ) (प्रा० मुद्रित ) ( श्रनुपलब्ध) (सं० मुद्रित ) (सं० मुद्रित ) (प्रा० मुद्रित )
( प्रा० मुद्रित ) (सं० मुद्रित ) ( प्रा० मुद्रित ) (प्रा० मुद्रित ) (सं० मुद्रित ) (सं० मुद्रित ) (सं० मुद्रित ) ( प्रा० मुद्रित ) (सं० मुद्रित )
( प्रा० सं० मुद्रित ) (सं० अनुपलब्ध)
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