________________
( ३०४ ) '४१. कषाय पाहुड़ (सूत्र और चूणि सहित) : यतिवृषभ; वीर
शासन संघ, कलकत्ता; १९५५ । ४२. कषाय पाहुड़ (जयधवला टीका सहित) : गुणधर; जैन संघ,
मथुरा; १९४४। ४३. कार्तिकेयानुप्रेक्षा (संस्कृत-हिन्दी टीका सहित) : स्वामी कार्ति
केय; सम्पादक-आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये, प्रकाशक-परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् रायचन्द्र जैन शास्त्रमाला, श्रीमद्
रायचन्द्र आश्रम, अगास; प्रथमावृत्ति; वी० सं० २४८६ । .४४. कुन्दकुन्द प्राभृत : सम्पादक-पं० कैलाशचन्द शास्त्री, प्रकाशक
जीवराज जैन ग्रंथमाला; शोलापुर; प्रथम संस्करण; १९६० । ४५. कुन्दकुन्द भारती : सम्पादक -पं० पन्नालाल साहित्याचार्य,
सागर; प्रकाशक-श्री श्रत भण्डार व ग्रंथ प्रकाशन समिति,
फलटन; प्रथम आवृत्ति; सन् १९७० । ४६. केनोपनिषदः गीता प्रेस, गोरखपुर । ४७. कोषीतकी उपनिषद्ः गीता प्रेस, गोरखपुर। .४८. गुणस्थान क्रमारोह : रत्नकेसर सूरि; न० भा० घे० भा०,
जवेरी बाजार, बम्बई; सन् १९१६ । । ४९. गोम्मटसार कर्मकाण्ड (हिन्दी अनुवाद सहित) : प्रकाशक
शा० रेवाशंकर जगजीवन जौहरी, आनरेरी व्यवस्थापक, श्री परमश्रुत प्रभावक जैन मण्डल, बम्बई; द्वितीयावृत्ति; वीर निर्वाण सं० २४५४ । ५०. गोम्मटसार जीवकाण्ड (हिन्दी अनुवाद सहित) : नेमिचन्द्राचार्य
सिद्धांत चक्रवर्ती; द्वितीयावृत्ति, प्रकाशक-रायचन्द्र जैन शास्त्रमाला, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई; वी. नि०
सं० २४५३ । ५१. गोम्मटसार जीवकाण्ड (जीवतत्त्वप्रदीपिका और मन्द प्रबोधिका टीका सहित ) : सम्पादक-पं० गजाधरलाल जैन न्यायतीर्थ और श्रीलाल जैन काव्यतीर्थ; प्रकाशक-गांधी हरी भाई
देवकरण जैन ग्रंथमाला, बम्बई-४ । ५२. चन्द्रप्रभु चरित्र : वीरनन्दि, निर्णय सागर प्रेस, बम्बई-४ । ५३. चार्वाक दर्शन समीक्षा : डा० सर्वानन्द पाठक, प्रकाशक
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org