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________________ ६४० जैन धर्म-दर्शन एवं कल्पसूत्र के उल्लेखानुसार त्रिशला क्षत्रियाणी ने महावीर को जन्म दिया ? महावीर के वास्तविक पिता त्रिशला के पति सिद्धार्थ हैं अथवा देवानन्दा के पति ऋषभदत्त ? जहां तक महावीर के वास्तविक पिता का प्रश्न है, भगवतीसूत्र एवं आचारांग तथा कल्पसूत्र इन तीनों आगमग्रन्थों के अनुसार निश्चितरूप से ऋषभदत्त ब्राह्मण ही अरिहंत भगवंत तीर्थंकर महावीर के वास्तविक पिता हैं। ऋषभदत्त की भार्या देवानन्दा ने ही अपने पति के द्वारा महावीर को गर्भ में धारण किया था तथा उस गर्भाधान की तिथि से नौ मास साढ़े सात दिन व्यतीत होने पर महावीर का जन्म हुआ था। ऐसी स्थिति में किसी भी दृष्टि से विचार करने पर भगवान् महावीर के जनक ब्राह्मण ऋषभदत्त ही सिद्ध होते हैं; क्षत्रिय सिद्धार्थ नहीं। इस प्रकार महावीर ब्राह्मणपुत्र ही थे, क्षत्रियपुत्र नहीं। देवानन्दा और त्रिशला इन दोनों में से किसने महावीर को जन्म दिया अर्थात् महावीर की जननी कौन है, इस प्रश्न का समाधान मेरे विचार में तो यही आता है कि देवानन्दा ही महावीर की जननी है। गर्भधारण के विषय में तो उपर्युक्त तीनों आगम-ग्रन्थों का ऐकमत्य है कि देवानन्दा ब्राह्मणी ने महावीर को गर्भ में ग्रहण किया था। प्रसवन के सम्बन्ध में भगवतीसूत्र और आचारांग एवं कल्पसूत्र में मतभेद है। भगवतीसूत्र के अनुसार देवानन्दा ब्राह्मणी ही महावीर 'की जननी है अर्थात् महावीर ऋषभदत्त ब्राह्मण की भार्या देवानन्दा के ही आत्मज हैं। आचारांग एवं कल्पसूत्र के अनुसार देवानन्दा महावीर की गर्भधारिणी माता है, प्रसविनी माता नहीं । प्रसवकार्य तो सिद्धार्थ क्षत्रिय की भार्या त्रिशला ने किया था । अतः महावीर त्रिशला के ही आत्मज हैं अर्थात् त्रिशला ही महावीर की जननी है। इस विषय में भगवतीसूत्र का उल्लेख अधिक प्रामाणिक प्रतीत होता है तथा आचारांग एवं कल्पसूत्र का उल्लेख कम प्रामाणिक । इस प्रतीति के निम्नोक्त कारण हैं - १ - भगवतीसूत्र (पन्द्रहवें शतक को छोड़कर) आचारांग (परिशिष्टरूप) द्वितीय श्रुतस्कन्ध (जिसमें महावीरविषयक उपर्युक्त कथन आता है) तथा कल्पसूत्र ( दशाश्रुतस्कन्ध के अष्टम उद्देश पर्युषणाकल्प का परिवर्धित रूप) से Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002139
Book TitleJain Dharma Darshan Ek Samikshatmak Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Mehta
PublisherMutha Chhaganlal Memorial Foundation Bangalore
Publication Year1999
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size21 MB
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