________________
५८०
जैन धर्म-दर्शन
पृष्ठ शब्द ऊर्ध्वलोक २३३ कदेब
१६ ऊह २६२, ३२२ कन्दर्प
५५१ ऋजुपालिका
कप्पवडंसिय ऋजुमति
- २८१ कप्पिया ऋजुसूत्र
४०६ कमल ऋषभ ४७ करपात्र
५२३ ऋषभदेव
८, २३६ कर्तृत्व एकता
३५२
कर्नाटक
कर्म १७५, ४१३, ४२५, ४२७, एकत्वभावना
४३६,४४२,४५४ एकभक्त
५१४
कर्मनथपंचक एकवस्त्रधारी
५२३ कर्मप्रकृति ६८, ४४१, ४६१ एकांतवाद
३४१ कर्मप्रकृति-पद ... ४३६ एनाक्सिमांडर १४६ कर्मप्रदेश
४७८ एनाक्सिमीनेस १४६ कर्मप्राभत
.. ५६ एरिस्टोटल
१८४ कर्म फल एलाचार्य ६६ कर्मबंध
४३६, ४५८ एवंभूत
४१० कर्मबंधन ऐरावत
२३१ कर्मबंध-पद ऐलक
कर्मभूमि
२४१ ऐशान २३३ कर्मवर्गणा
२०२ ओनियुक्ति ४३, ४५ कर्मवाद ११०, ४१४, ४२६ ओधनियुक्तिमहाभाष्य ५७ कर्मवेद-पद
४४० औदारिक २०३ कर्मवेदबंध-पद
४४० औपपातिक
कर्म वेदवेद-पद कंकाली-टोला
१८ कर्मसिद्धान्त कछुआ
२४० कर्मादान
४३४
४४०
५६४
४४०
mr
Jain Education International
For Private & Personal Use Only:
www.jainelibrary.org :