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[जैन प्रतिमाविज्ञान
पुसाल्कर, ए० डी०,
"जैनिजम', दि एज ऑब इम्पिरियल कन्नौज (सं० आर० सी० मजूमदार तथा ए० डी० पुसाल्कर), बंबई,
१९६४, पृ० २८८-९६ प्रसाद, एच० के०,
'जैन ब्रोन्जेज इन दि पटना म्यूजियम', म००वि० गोजुल्वा०, बंबई, १९६८, पृ० २७५-८९ प्रसाद, त्रिवेणी,
'जैन प्रतिमाविधान', जैन एण्टि०, खं०४, अं० १, जून १९३७, पृ० १६-२३ प्रेमी, नाथूराम,
जैन साहित्य और इतिहास, बंबई, १९५६ फ्लीट, जे० एफ०,
कार्पस इन्स्क्रिप्शनम इण्डिकेरम, खं० ३, वाराणसी, १९६३ (पु०म०) बनर्जी, आर० डी०,
ईस्टर्न इण्डियन स्कूल ऑव मेडिवल स्कल्पचर, दिल्ली, १९३३ बनर्जी, ए०,
(१) 'टू जैन इमेजेज', ज०बि०उ०रि०सी०, खं० २८, भाग १, १९४२, पृ० ४४ (२) 'जैन एन्टिक्विटीज इन राजगिर', इं०हि०क्वा०, खं० २५, अं० ३, सितम्बर १९४९, पृ० २०५-१० (३) 'ट्रेसेज ऑव जैनिजम इन बंगाल', जव्यू०पी०हि०सी०, खं० २३, भाग १-२, १९५०, पृ० १६४-६८ (४) 'जैन आर्ट थू दि एजेज', आचार्य भिक्षु स्मृति ग्रन्थ (सं० सतकारि मुखर्जी आदि), कलकत्ता, १९६१,
पृ० १६७-९० बनर्जी, जे० एन०,
(१) 'जैन इमेजेज', दि हिस्ट्री ऑव बंगाल (सं० आर० सी० मजूमदार), खं० १, ढाका, १९४३,
पृ० ४६४-६५ (२) दि डीवेलपमेण्ट ऑव हिन्दू आइकानोग्राफी, कलकत्ता, १९५६ (३) 'जैन आइकन्स', दि एज ऑव इम्पिरियल यूनिटी (सं० आर० सी० मजूमदार तथा ए० डी० पुसाल्कर),
बंबई, १९६०, पृ० ४२५-३१ ।। (४) 'आइकानोग्राफी', दि क्लासिकल एज (सं० आर० सी मजूमदार तथा ए० डी० पुसाल्कर), बंबई,
१९६२, पृ० ४१८-१९ (५) 'आइकानोग्राफी', दि एज ऑव इम्पिरियल कन्नौज (सं० आर० सी० मजूमदार तथा ए० डी० पुसाल्कर),
बंबई, १९६४, पृ० २९६-३०० बनर्जी, प्रियतोष,
'ए नोट ऑन दि वरशिप ऑव इमेजेज़ इन जैनिजम (सरका २०० बी० सी०-२०० ए० डी०), ज०बि०रि०सो०, खं० ३६, भाग १-२, १९५०, पृ० ५७-६५
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