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________________ (iii) इस प्रसंग में मैं अपने मित्र श्री पिनाकपाणि प्रसाद शर्मा, आई० पी० एस० सहायक पुलिस अधीक्षक, नान्देड ( महाराष्ट्र), को विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूं, जिनसे मुझे निरंतर परामर्श, सहायता और उत्साहवर्धन मिला है । यहां मैं अनुज श्री दुर्गानन्दन तिवारी और अपने विद्यार्थी श्री चन्द्रदेव सिंह को भी समय-समय पर उनसे प्राप्त सहायता के लिए धन्यवाद देता हूँ । ग्रन्थ के प्रकाशन में दी गयी बहुविध सहायता के लिए मैं डा० (श्रीमती) कमल गिरि, प्राध्यापिका, कलाइतिहास विभाग, का० हि० वि०वि० का भी हृदय से आभारी हूं। · ग्रन्थ के प्रकाशन के निमित्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए में भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद, नई दिल्ली तथा जीवन जगन चैरिटेबल ट्रस्ट, फरीदाबाद का भी आभारी हूं । ग्रन्थ के प्रकाशन के लिए पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूं। संस्थान के अध्यक्ष डा० सागरमल जैन ने जिस तत्परता से ग्रन्थ के प्रकाशन की व्यवस्था की उसके लिए मैं विशेषरूप से उनके प्रति आभार प्रकट करता हूं । तारा प्रिंटिंग वर्क्स, वाराणसी के व्यवस्थापक, श्री रमाशंकर पण्ड्या और खण्डेलवाल प्रेस वाराणसी के व्यवस्थापक मी धन्येवाद के पात्र हैं, जिन्होंने क्रमशः पाठ और चित्रों का मुद्रण कार्य सुरुचिपूर्ण ढंग से किया है। चित्रों एवं ब्लाक्स को व्यवस्था के लिए मैं अमेरिकन इन्स्टिट्यूट ऑव इण्डियन स्टडीज, वाराणसी, आकिअलाजिकल सर्वे ऑव इण्डिया, दिल्ली तथा जैन जर्नल, कलकत्ता का विशेष रूप से आभारी हूं । 1 राष्ट्रभाषा हिन्दी में भारतीय प्रतिमाविज्ञान पर प्रकाशित ग्रन्थों की संख्या अत्यन्त सीमित है । जैन प्रतिमाविज्ञान पर तो हिन्दी में सम्भवतः कोई समुचित ग्रन्थ है ही नहीं। मातृभाषा हिन्दी में इस विषय पर ग्रन्थ लेखन की मेरो प्रबल इच्छा थी । प्रस्तुत ग्रन्थ के माध्यम से मैंने इस दिशा में एक विनम्र प्रयास किया है । इस दृष्टि से हिन्दी जगत में भी प्रस्तुत ग्रन्थ का स्वागत होगा, ऐसी आशा करता हूं। श्रावण पूर्णिमा ( रक्षाबन्धन), २०३८, १५ अगस्त, १९८१ Jain Education International For Private & Personal Use Only - मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी www.jainelibrary.org
SR No.002137
Book TitleJain Pratimavigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaruti Nandan Prasad Tiwari
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1981
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Culture
File Size13 MB
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