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________________ फलक ४ चित्र संख्या २०. हार : ( पृ० १४६) वज्रपाणि बोधिसत्त्व के चित्र में अंकित हार । ( अजन्ता फलक ७८ ) २१. हारयष्टि : ( पृ० १४६ ) हारयष्टि या इकहरी माला । ( अमरावती ० फलक ८, चित्र ६ ) २२. अंगद और केयूर : ( पृ० १४७) अंगद और केयूर नामक भुजा के आभूषण । वही, चित्र ७ - ८ ) २३. कंकण : ( पृ० १४७ ) कंकण नामक कलाई का आभूषण । ( वही, चित्र ९, ११ ) २४. वलय : ( पृ० १४७) वलय नामक कलाई का आभूषण । ( वही, चित्र १५ ) २५. मेखला : ( पृ० १४९ ) मेखला नामक करधनी जिसे पहनकर चलने से आवाज होती थी । (वही, चित्र २६ ) २६. रसना : ( पृ० १४९) दोहरी लड़ी की रसना । (वही, चित्र २८ ) २७. कांची: ( पृ० १४८) इकहरी लड़ी को ढीली-ढाली करधनी या कांची । ( वही, चित्र ३४ ) २८. घर्घरमालिका : ( पृ० १५० ) घर्घरमालिका नामक करधनी । ( वही, चित्र २७ ) २९. हिंजीरक : ( पृ० १५० ) हिजीरक नामक आभूषण । (वही, चित्र १७,१८) ३०. मंजीर : ( पृ० १५० ) मंजीर नामक आभूषण जिसमें भीतर चादी के कंकड़ भरे रहते थे जिससे चलते समय आवाज होती थी । ( वही, चित्र १९ ) ३१. नूपुर : ( पृ० १५० ) थाली में नूपुर लिये परिचारिका । अलक्तक मण्डन समाप्त हो तो नूपुर पहनाये । ( अमरावती० फलक ९, चित्र १८ ) ३२. हंसक : ( पृ० १५१) हंसक नामक पैर का आभूषण । (हर्षचरित० फलक ९, चित्र ३८ ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002134
Book TitleYashstilak ka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1967
Total Pages450
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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