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Bhagavati Sūtra Bk. 6 Ch. 1
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difficult to make stain-free, and more difficult to brighten ? And which one of these two is easier to clean, to make stain-free, to brighten the one soaked in mud, or the one stained by the wheel dirt ?
-Bhante! The one soaked in mud is more difficult to clean, to make stain-free, to brighten.
-Gautama! In the same manner, sinful activities of the infernal beings are thickened, affixed grease-like, mixed up and ineradicable. So, despite their experiencing great pain, they are neither with great exhaustion, nor with great termination.
से जहा वा केइ पुरिसे हिगरणिं आउडेमाणे महया महया सद्देणं महया महया घोसेणं महया महया परंपराघाएणं णो संचाएइ तीसे अहिगरणीए केई अहाबायरे पोग्गले परिसाडित्तए । एवामेव गोयमा ! रइयाणं पावाई कम्माई गाढीकयाई जाव... णो महापज्जवसाणाई भवंति ।
-भगवं ! तत्थ जे से वत्थे खंजणरागरते से णं वत्थे सुद्धोयतराए चेव सुवामतराए चैव सुपरिकम्मतराए चेव ।
– एवामेव गोयमा ! समणाणं णिग्गंधाणं अहाबायराई कम्माई सिदिलीकयाई णिट्ठियाई कडाई विप्परिणामियाई खिप्पामेव विद्धत्थाई भवंति । जावइयं तावइयं पिते वेयणं वेएमाणा महाणिज्जरा महापज्जवसाणा भवंति । - से जहा णामए केइ पुरिसे सुक्कं तणहत्थयं जायतेयंसि पक्खिवेज्जा से णूणं - गोयमा ! से सुक्के तणहत्थए जायतेयंसि पखित्ते समाणे खिप्पामेव
मसमसा विज्जइ ?
- हंता मसमसा विज्जइ ।
- एवामेव गोयमा ! समणाणं णिग्गंथाणं अहाबायराई कम्माई जाव... महापज्जवसाणा भवंति । से जहा णामए केइ पुरिसे तत्तंसि अयकवल्लंसि उदगबिंदु जाव... हंता विद्धंसं आगच्छइ एवामेव गोयमा ! समणाणं जाव...महापज्जवसाणा भवंति । से तेणट्ठेणं जे महावेयणे से महाणिज्जरे जाव... .. णिज्जराए ।
णिग्गंथाणं