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कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ जिन्होंने अध्ययन की अनुमति देकर विद्या की उपासना का अवसर प्रदान किया।
श्रद्धेय श्री दिवाकर पाठक, पिता तुल्य श्री प्रेम नारायण श्रीवास्तव के प्रति भी कृतज्ञ हूँ जिनकी प्रेरणा एवं आशीर्वचन का सम्बल पाकर मैं यह महान् कार्य पूर्ण कर सका। ____ मैं परमपूज्य पिता श्री श्रीराम जी, मातु श्रीमती चमेली देवो, भाई श्री महेश चन्द्र गुप्त, श्री नरेश चन्द्र गुप्त, आदरणीय मामा डॉ० एस०बी० एल० गुप्त एवं स्वजन आर० सी० गुप्ता, डॉ० श्याम सुन्दर, डॉ० निशा अग्रवाल का भी आभारी हूँ, जिन्होंने मुझे विद्या के अध्ययन के लिए सतत् प्रोत्साहित किया। अन्त में पत्नी श्रीमती सरला गुप्ता, पुत्र चि० राजीव, चि० संजीव तथा पुत्री कु० अंजुम का भी मैं अत्यन्त आभारी हूँ जिन्होंने मुझे पारिवारिक कार्यों से मुक्त रखकर विद्या की उपासना का अवसर दिया।
अन्त में, एक बार पुनः उन समस्त महानुभावों के उपकार को स्मरण कर आभार व्यक्त करता हूँ, जिनसे मैं लाभान्वित हुआ हूँ। दिनांक १-१-१९८८
रमेश चन्द्र गुप्त सहायक कर्मशाला अधीक्षक डीजल रेल इंजन कारखाना
वाराणसी-२२१००४
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