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________________ प्राक्कथन भारतीय धर्मों में अवतार, बुद्ध और तीर्थंकर की अवधारणाएँ अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं । जहाँ हिन्दू धर्म में उपास्य के रूप में अवतार को स्थान मिला है, वहां बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म में क्रमशः बुद्ध और तीर्थंकर को उपास्य माना गया है । ये तीनों अवधारणाएं भारतीय दर्शन का एक महत्वपूर्ण अंग हैं । 1 प्रस्तुत शोध-प्रबन्ध छ : अध्यायों में विभक्त है । प्रथम अध्याय परिचयात्मक है । इसमें यह दिखाने का प्रयत्न किया गया है कि जैन, बौद्ध एवं हिन्दू धर्म में क्रमशः तीर्थंकर, बुद्ध और अवतार की अवधारणा का क्या स्थान है। साथ ही इस अवधारणा के विकास की ऐतिहासिक समीक्षा भी की गई है। प्रस्तुत अध्याय में ही जरथुस्त्र, यहूदी, ईसाई एवं इस्लाम में अवतारवाद के अनुरूप हो जिन अवधारणाओं का विकास हुआ, उनका भी संक्षिप्त विवेचन है । द्वितीय अध्याय में जैन धर्म में विकसित हुए तीर्थंकर की अवधारणा के विविध पक्षों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है । तीर्थंकर शब्द के विभिन्न अर्थ, तीर्थंकरों के विशिष्ट गुण; भूत, वर्तमान और भविष्यका - लोन तीर्थंकरों की अवधारणा और उनके नाम तथा तीर्थंकर पद की प्राप्ति व्यक्ति की किस प्रकार की आध्यात्मिक साधना का परिणाम हैइन प्रश्नों पर आलोचनात्मक ढंग से विचार किया गया है। साथ ही तीर्थंकर का क्या स्वरूप है तथा तीर्थंकर का अरिहन्त, प्रत्येकबुद्ध एवं सामान्य- केवली से क्या अन्तर है, इस प्रश्न पर भी विचार किया गया है । इसी अध्याय में जैन धर्म में भक्ति और करुणा का क्या स्थान हो सकता है, इसकी चर्चा भी की गई है । तृतीय अध्याय में बौद्ध धर्म में बुद्ध की अवधारणा के विविध पक्षों पर चर्चा की गई है । बोद्ध धर्म में बुद्ध की अवधारणा के विकास के साथ ही, इसमें करुणा और भक्ति की अवधारणा के विकास में किन कारकों का योगदान था, इस पर विशद् रूप से विचार किया गया है । चतुर्थ अध्याय में हिन्दू धर्म में विकसित हुए अवतार की अवधारणा के विभिन्न पक्षों की चर्चा है । इसमें अवतार की अवधारणा के मुख्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002127
Book TitleTirthankar Buddha aur Avtar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRameshchandra Gupta
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1988
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size14 MB
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