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क्षमायाचना
समकालीन साध्वियों में हम केवल उन्हीं साध्वियों का विवरण दे पाये हैं, जिनके सन्दर्भ में हमें कुछ प्रकाशित सामग्री उपलब्ध हो सकी है। जिन संघों और सम्प्रदायों की साध्वियों का विवरण छुट गया है उसका कारण हमारी उनके प्रति उपेक्षा भावना नहीं, वरन् समुचित सामग्री का अभाव है। श्वेताम्बर मूर्तिपूजक परम्परा में हम केवल खरतरगच्छ की साध्वियों का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं। तपागच्छ के विभिन्न शाखाओं की साध्वियों का कोई भी विवरण नहीं दिया जा सका है। यद्यपि वह श्वेताम्बर मूर्तिपूजक परम्परा का इतना विशाल गच्छ है कि सम्पूर्ण जैन साध्वियों में आधे से अधिक साध्वियाँ इसी गच्छ की हैं और जिनकी संख्या लगभग ४००० से अधिक है। इसी प्रकार अंचल गच्छ, पायचन्द गच्छ, त्रिस्थुतिक गच्छ की साध्वियों का भी कोई विवरण नहीं दिया जा सका है। त्रिस्थतिक गच्छ में आज कई विदुषी साध्वियाँ हैं । साध्वी सुदर्शनाश्री जी, प्रियदर्शना श्री जी जैसी एम० ए० पी-एच० डी० साध्वियां भी इस गच्छ में हैं। स्थानकवासी परम्परा में भी हम पूज्य चम्पालाल जी, पूज्य नानालाल जी, पूज्य हस्तीमल जी और गुजरात की विविध सन्प्रदाय को साध्वियों के सन्दर्भ में कोई विवरण प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। इसका कारण उस सम्बन्ध में हमारी जानकारी का अभाव ही है । तेरापन्थ धर्म की साध्वियों के सन्दर्भ में हमने केवल साध्वी प्रमुखाओं का विवरण दिया है। इस संघ में भी वर्तमान में अनेक विदुषी साध्वियाँ हैं। प्रस्तुत पुस्तिका तो जैन महिलाओं और साध्वियों के इतिहास के सन्दर्भ में मात्र प्राथमिक सूचना ही है। आशा है भविष्य में इस क्षेत्र में एक सुव्यवस्थित प्रयास किया जायेगा। यदि हमें भविष्य में इस दिशा सूचनाएँ उपलब्ध हुई तो हम उनके उल्लेख का प्रयत्न करेंगे, अतः जिन संघों की साध्वियों का विवरण यहाँ नहीं दिया जा सका है उनके प्रति हम क्षमाप्रार्थी हैं और उनसे अपेक्षा करते हैं कि इस सन्दर्भ में वे हमें जानकारी प्रेषित करें ताकि भविष्य में इस सन्दर्भ में जो भी ग्रन्थ प्रकाशित हों, उसमें उनके वर्ग की साध्वियों को समुचित स्थान प्रदान किया जा सके ।
-सम्पादक
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