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स्थानकवासी ऋषि सम्प्रदाय की साध्वियों का संक्षिप्त परिचय : २९७ बनीं। इसके उपरान्त शास्त्रों और थोकड़ों आदि का यथोचित् ज्ञान अर्जित किया।
मालवा, विदर्भ, खानदेश, मध्य प्रदेश, दक्षिण आदि प्रान्त इनका विहार क्षेत्र रहा।
मनमाड़ में चैत्र शु० नवमी, सं० २००६ में इनका स्वर्गवास हो गया।
इनकी निम्नलिखित शिष्याएँ हुई–(१) श्री कंचनकुँवर जी (२) श्री राजा जी (३) श्री सोना जी (४) श्री फूलकँवर जी (५) श्री केसर जी (६) श्री राधा जी (७) श्री जयकँवर जी (८) श्री अजितकुँवर जी (९) श्री विमलकुँवर जी ( १० ) श्री वल्लभकुँवर जी (११) श्री चाँदकुँवर जी।
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