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________________ दिगम्बर सम्प्रदाय की अर्वाचीन आर्यिकायें : २१७ चम्पालाल जैन के घर हुआ था। आपका विवाह वर्धा निवासी श्री लखमीचन्द्र कासलीवाल से हुआ था किन्तु १४ वर्ष की अल्पायु में ही सौभाग्य अस्त हो गया । ई० सन् १९३६ में श्री कुन्यलगिरि क्षेत्र के पावन स्थल पर १०८ श्री जयकीर्ति महाराज से आपने परम श्रेयस्कारिणी आर्यिका दीक्षा लेकर धर्ममती नाम प्राप्त किया । क्षुल्लिका धर्ममती माताजी विचार स्वयं ही कार्य में परिणत होने के लिए मार्ग खाज लेता है । यह तथ्य क्षु० धर्ममतो के साथ पूर्णरूप से घटित होता है । आप कोथली निवासी सेठ कालीशाह एवं श्रीमती धुंधुबाई को पुत्रो इन्दु से क्षु० धर्म- मती बनीं। आपने अपने विचार के अनुरूप क्षुल्लिका दोक्षा मुनिवर १०८ श्री निर्माणसागर से सोनागिरि पर प्राप्त को है । सम्प्रति मोक्षरूपी कार्य की सिद्धि हेतु प्रयत्नशील हैं । आर्यिका नंगमती जी सुधर्माबाई का जन्म १९५१ ई० में इन्दौर निवासी श्री माणिकचन्द्र जी का सलीबाल की गृहिणी श्रीमती माणिकबाई की कुक्षि से हुआ था । समस्त परिवार धार्मिक संस्कारों से संस्कारित होने से सुधर्मा में धर्म के प्रति तीव्र अभिरुचि जागृत हुई और १८ वर्ष की अवस्था में ही श्री १०८ ज्ञानभूषण महाराज से आजोवन ब्रह्मचर्य व्रत ले लिया । शनैः शनैः अध्यवसायी सुधर्मा ने जीवकाण्ड, कर्मकाण्ड आदि ग्रन्थों का अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण की और श्रावण शुक्ला १५ ( रक्षाबन्धन ) तदनुसार ८-८१९७९ के शुभ दिन चन्द्रप्रभु के प्रांगण वाले सोनागिरि तीर्थक्षेत्र पर आचार्यश्री विमलसागर जो महाराज से आर्यिका दीक्षा ग्रहण कर जोवन की परीक्षा उत्तीर्ण कीं । आर्यिका नन्दामतो जी संसार एक रंगमंच है । इसमें प्रत्येक प्राणी को दशा बदलती रहती है । संसार रूपी मञ्च पर जयमाला देवी के जावन में भी अचानक परिवर्तन आया कि आप के पति आगरा निवासो श्रो सुगन्धोलाल जैन का देहावसान हो गया । जयमाला के पिता श्री मुन्नीलाल एवं माता श्रामती कपूरो देवो को भी गहरा आघात पहुँचा । श्रा विमलसागर महाराज से १९६९ ई० में Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002126
Book TitleJain Dharma ki Pramukh Sadhviya evam Mahilaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHirabai Boradiya
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Religion
File Size16 MB
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