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________________ २१४ : जैनधर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएं क्षुल्लिका चन्द्रमती जी __ वयोवृद्ध, शान्त और स्वाध्यायशीला आपका जन्म अलवर निवासी श्री सरदार सिंह एवं श्रीमती भूरीबाई के यहाँ हुआ था। धर्मभावना के फलस्वरूप आपने आचार्यश्री महावीरकीति महाराज से क्षल्लिका रूप श्रावकव्रत ग्रहण किये हैं। आपकी सत्प्रेरणा से वासुपूज्य भ० के गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान और निर्वाण स्थान पर ७० फुट ऊँचा मानस्तम्भ २४ टोंक, भ० वासुपूज्य की २५ फुट ऊँची प्रतिमा, स्वाध्याय भवन आदि कार्य हो रहे हैं। क्षुल्लिका चेलनामती जी आपका जन्म २५ जुलाई १९२८ के दिन श्री प्रकाशचन्द्र जैन की धर्मपत्नी श्रीमती त्रिशलावती जी की कुक्षि से हुआ था। जन्मस्थान गढ़ी हसनपुर, जिला मुजफ्फरनगर (उ० प्र० ) है। आपने आचार्य देशभूषण महाराज से ब्रह्मचारिणी दीक्षा और श्री सम्मेदशिखर जी की पावन पुण्यभूमि पर आचार्यश्री १०८ विमलसागर महाराज से क्षुल्लिका दीक्षा ग्रहण की। आप कषाय को पकड़ से छूटने में प्रयत्नशील हैं। आर्यिका श्री जिनमती जी ____ "यदि कल्याण की इच्छा है, तो विषयों को विष के समान त्याग देना चाहिए। क्षमा, सरलता, दया, पवित्रता और सत्य को अमृत के समान ग्रहण करना चाहिए" इस तथ्य का बोध प्रभावती को हुआ और आर्यिकारत्न ज्ञानमती के सान्निध्य में व्रती बन गईं। प्रभावती के पिता श्री फूलचन्द्र जैन और माता श्री कस्तूरी देवी थीं, किन्तु दुर्भाग्य से पितृमातृ वियोग बचपन में ही हो गया, जिसके कारण लालन-पालन मातुल गृह पर हुआ। इनका जन्म फाल्गुन शुक्ला १५ सं० १९९० के दिन म्हसबड़ (महाराष्ट्र) नामक स्थान पर हुआ था। आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती जी को सत्संगति के कारण प्रभावती की वैराग्य भावना तीव्र होती गयी। फलस्वरूप श्री १०८ आचार्य वीरसागर महाराज से वि० सं० २०१२ में माधोराजपुरा में क्षुल्लिका दीक्षा ले ली। श्रावक के व्रतों का पालन करते हुए आर्यिका ज्ञानमती से न्याय, व्याकरण और सैद्धान्तिक ग्रन्थों का अध्ययन किया। अपनी कुशाग्रबुद्धि के कारण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002126
Book TitleJain Dharma ki Pramukh Sadhviya evam Mahilaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHirabai Boradiya
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Religion
File Size16 MB
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