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महावीरोत्तर जैन साध्वियां एवं महिलाएं : १५९ नेतृत्व में वी० सं० ९८० में वल्लभी नगर में बुलाई गई। इस समय आगमों को लिपिबद्ध किया गया। इस समय आचार्य देवद्धिगण ने नन्दी सूत्र की रचना की। इन आगम परिषदों में साध्वियों एवं श्राविकाओं के सम्मिलित होने के उल्लेख नहीं मिलते ।
१. मुनि समदर्शी प्रभाकर-आगम साहित्य : एक अनुचिन्तन, पृ० १५
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