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________________ २४१ २४४ २४७ २४६ २५० २५० २५१ २५२ ( १८ ) मात्र जीव को मार देना ही हिंसा नहीं अहिंसा की विशेषता अहिंसा न रूढ़िवाद है, न उपयोगितावाद अहिंसा और दया अहिसा और सत्य . अहिंसा और ब्रह्मचर्य अहिंसा और यज्ञ अहिंसा और खेती अहिंसा का आर्थिक रूप अहिंसा का सामाजिक रूप अहिंसा का राजनैतिक रूप गांधीवादी अहिंसा एवं जैनधर्म-प्रतिपादित अहिंसा अहिंसा तथा उसका स्वरूप जीव हिंसा के विभिन्न रूप तथा अहिंसा के विभिन्न नाम हिंसा तथा अहिंसा के पोषक तत्त्व अहिंसा और खेती श्रमण और श्रावक अहिंसा और यज्ञ अहिंसा और ईश्वर अहिंसा और दान अहिंसा के अपवाद अहिंसा का आर्थिक विवेचन अहिंसा का सामाजिक विवेचन अहिंसा का राजनैतिक विवेचन २५४ २५५ २५६ २५६ २५७ २५७ २५८ २५६ २५ २६० २६२ २६२ षष्ठ अध्याय उपसंहार आधार-ग्रन्थ-सूची अनुक्रमणिका अभिमत २६४-२८१ २८२-२६४ २६५-३०८ ३०९-३१२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002125
Book TitleJain Dharma me Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBasistha Narayan Sinha
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year2002
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size13 MB
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