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जैन योग का आलोचनात्मक अध्ययन
(त्र) त्रिशिखिब्राह्मणोपनिषद् (१०८ उपनिषद्)-प्रकाशक पांडुरंग जावजी, बम्बई, . सन् १९३२
(ज्ञ) ज्ञानसार, पद्मसिंह, टीका त्रिलोकचन्द, मू० कि० कापडिया, दिगंबर जैन
पुस्तकालय, सूरत, वी० सं० २४७० ज्ञानार्णव शुभचन्द्र, संपा० पं० बालचन्द्र शास्त्री, जैन संस्कृति संघ, सोलापुर
सन् १९७७ तथा संग०पन्नालाल बाकलीवाल, परम श्रुत प्रभावक मण्डल,
बम्बई, १९२७ ज्ञानेश्वरी ( मराठी ), सं० श. वा० दाण्डेकर, प्रसाद प्रकाशन, पूना,
सन् १९५३
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