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योग का लक्ष्य : लब्धियाँ एवं मोक्ष
११. प्रत्येकबुद्धसिद्ध--जो जीव निसर्गतः पोद्गलिक वस्तुओं की क्षणभंगुरता देखकर वैराग्य को प्राप्त करता है और उसके फलस्वरूप केवलज्ञान प्राप्ति के उपरान्त मोक्ष प्राप्त करता है उसे प्रत्येकबुद्धसिद्ध कहते हैं।
१२. स्वयंबुद्धसिद्ध-जो जीव बिना गुरूपदेश के अथवा बिना किसी बाह्य निमित्त के पूर्वभव के श्रतादि के अभ्यास के कारण केवलज्ञान को प्राप्त करके मोक्ष प्राप्त करता है, उसे स्वयंबुद्धसिद्ध कहते हैं।
१३. बुद्धबोधित्वसिद्ध-गुरु के उपदेश से संसार की असारता की तीव्र भावना से वैराग्य एवं कैवल्यज्ञान को प्राप्त करके मोक्ष पाने वाले जीव को बुद्धबोधित्वसिद्ध कहते हैं।
१४. एकसिद्ध--एक समय में एक ही जीव मोक्ष प्राप्त करता है तथा उस समय कोई दूसरा जीव सिद्ध नहीं होता, वैसे जीव को एकसिद्ध कहते हैं।
१५. अनेकसिद्ध-एक समय में अनेक जीव भी मोक्ष प्राप्त करते हैं, ऐसे जीवों को अनेकसिद्ध कहते हैं।
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