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________________ १३४ अनुक्रमणिका [ २२३ कुषाण - १४८ टि. कोलिक ( युद्धालु जन-जाति ) कुषाणकाल -८८ कूष्माण्डी देवी - ८७, ९० कोशल - ४४-४५ कृष्ण ( पुराणोक्त ) - २२, ६६, । कोशला (ग्राम)-४७ ८५, ९० कोशाम्बी, डी० डी० - १०६ टि० कृष्ण ( सज्जन का पुत्र ) - ३५ कौटिल्य -२, १३६ कृष्णकवि - ६५ कौतुककथा -२० कृष्णगिरि ( वायुपुराणोक्त)-६२ को मुदी महोत्सव - १४८ टि. कृष्णनगर ( कृष्णग्राम-कपिलवस्तु कौशाम्बी -८०-८१ के समीप) - ६२-६३ क्रॉनिका मेजोरा - १८२-१८३, कृष्णपक्ष - १४९, टि. १८५, १८७, १८९ कृष्णपुर ( विजयनगर स्थित )- क्रॉनिक्यू (क्रॉनिकल्स)- १८२, १८५-१८७, १८९ कृष्णमाचारियर - ६१ टि० क्रिटिकल एप्रोचेज टू लिटरेचर कृष्णराज ( मान खेट-नृपति ) - - १४३ टि. क्रूक, डब्ल्यू - ७२ टि० कृष्णराय ( कृष्णदेव राय ) - क्रोञ्चद्वीप -८० टि. क्रौञ्चश्वभ्र ( ग्राम ) - ८० टि. केदार ( पर्वत )९८ क्रौञ्चहरण ( नगर ) - ८० केल्हण - ५७, १२८ कैकुबाद - ११७ कैडवा कणबी ( जन )- ९८ खजाइन-उल-फुतूह-१७३-१७४, कैम्ब्रिज हिस्टरी ऑफ इंग्लिश लिटरेचर - १८३ टि० खड़कवाली पहाड़ी-४६ कैम्ब्रिज हिस्टरी ऑफ इण्डिया - खण्डनखण्डखाद्य - ६०, ११४ ६७ टि. खपुट/खपट (आचार्य ) - ४२. कोटा -२ ४३, टि०, ४५, १५७ कोटिकगण - १४ खम्भात - १७४ कोमल ( रत्नश्रावक का पुत्र) खरतरगच्छ पट्टावलि संग्रह --- ३८ टि०-३९ टि०, ४१ टि० ४५ १८२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002121
Book TitlePrabandh kosha ka Aetihasik Vivechan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravesh Bharadwaj
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1995
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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