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जैन एवं बौद्ध योग : एक तुलनात्मक अध्ययन तत्त्वार्थसूत्रम्
हरिभद्र, श्रेष्ठी ऋषभदेव जी, केसरीमल जी, जैन श्वेताम्बर
संस्था, रतलाम, १९३६ तत्त्वार्थाधिगमभाष्य, भाग-२ सिद्धसेन गणि, जीवनचंद साकरचंद झवेरी, सूरत,
१९३० तत्त्वानुशासन
श्री रामसेनाचार्य, संपा० जुगलकिशोर मुख्तार, प्रका०
वीर सेवा मंदिर ट्रस्ट, २१, दरियागंज, दिल्ली, १९६३ द्रव्यसंग्रह
नेमिचंद्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, देहली, १९५६ दशभूमिकसूत्रम् सम्पा०-डॉ० पी० एल० वैद्य, मिथिला विद्यापीठ,
दरभंगा, १९६७ दशवैकालिक
श्री शयंभवसूरि, अगरचंद भैरोदान सेठिया, जैन संस्था,
बीकानेर, वी०नि०सं० २४७२ दशवैकालिक
(हि०अनु०) स्था० जैन कान्फ्रेंस, बम्बई । दीघनिकाय
पं० राहुल सांकृत्यायन, भिक्षु जगदीश काश्यप,
महाबोधि सभा, सारनाथ, वाराणसी दीघनिकाय
(अनु०) पं० राहुल सांकृत्यायन, भारतीय बौद्ध शिक्षा
परिषद, बुद्ध विहार, लखनऊ, १९७१ दीघनिकाय
नालन्दा-देवनागरी-पालिग्रन्थमाला, नालन्दा, बिहार, १९५८
(अनु०) पं० राहुल सांकृत्यायन, बुद्ध बिहार, लखनऊ धम्मपद
धर्मरक्षित,मास्टर खेलाड़ी लाल एण्ड सन्स, बनारस,
१९५३, धम्मसंगणि (पालि) नालन्दा-देवनागरी-पालिग्रन्थमाला, नालन्दा, बिहार,
१९६० धर्मामृत (अनगार एवं सागार)पं० आशाधर, माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला,
बम्बई, १९१७ ध्यान विचार
सम्पादक-पं०गिरीश कुमार परमानन्द साह, हिन्दी अनु० श्री जिनश्री जी म० सा०, प्रकाशक-जैन साहित्य विकास
मण्डल, बम्बई, संस्करण-प्रथम मई, १९८६ ध्यानशतक
जिनभद्र क्षमाश्रमण विरचित, (अनु०) मुनि दुलहराज,
आदर्श साहित्य संघ प्रकाशन, चूरू (राज), १९७२ ध्यान-सम्प्रदाय
डा० भरत सिंह उपाध्याय, नेशनल पब्लिशिंग हाउस,
धम्मपद
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