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________________ 196 ] सकारात्मक अहिंसा सकती । गुप्ति का मतलब है दोषों से मन, वचन, काया को विरत रखना और समिति का मतलब है विवेक से स्वपरहितावह सत्प्रवृत्ति को करते रहना । सत्प्रवृत्ति बनाए रखने की दृष्टि से जो असत्प्रवृत्ति या दोष के त्याग पर अत्यधिक भार दिया गया है उसी को कम समझ वाले लोगों ने पूर्ण मानकर ऐसा समझ लिया कि दोष निवृत्ति से आगे फिर विशेष कर्त्तव्य नहीं रहता । जैन सिद्धान्त के अनुसार तो सच बात यह फलित होती है कि जैसे-जैसे साधना में दोष-निवृत्ति होती और बढ़ती जाए वैसे-वैसे सत्प्रवृत्ति की बाजू विकसित होती जानी चाहिए । जैसे दोष-निवृत्ति के सिवाय सत्प्रवृत्ति असम्भव है वैसे ही सत्प्रवृत्ति की गति के सिवाय दोष निवृत्ति को स्थिरता टिकना भी असम्भव है । यही कारण है कि ज़ैन-परम्परा में जितने प्रादर्श पुरुष तीर्थंकर रूप से माने गये हैं उन सभी ने अपना समग्र पुरुषार्थ ग्रात्मशुद्धि करने के बाद सत्प्रवृत्ति में ही लगाया है । इसलिये हम जैन अपने को जब निवृत्तिगामी कहें तब इतना ही अर्थ समझ लेना चाहिए कि निवृत्ति तो हमारी यथार्थ प्रवृत्तिगामी धार्मिक-जीवन की प्राथमिक तैयारी मात्र है । मानस - शास्त्र की दृष्टि से विचार करें तो भी उपर्युक्त बात का ही समर्थन होता है । शरीर से भी मन और मन से भी चेतना विशेष शक्तिशाली या गतिशील है । अब हम देखें कि अगर शरीर और मन की गति दोषों से रुकी, चेतना का सामर्थ्य दोषों की ओर गति करने से रुका, तो उनकी गति-दिशा कौनसी रहेगी ? वह सामर्थ्य कभी निष्क्रिय या गति शून्य तो रहेगा ही नहीं । अगर उस सदास्फूर्त सामर्थ्य को किसी महान् उद्देश्य की साधना में लगाया न जाए तो फिर वह ऊर्ध्वगामी योग्य दिशा न पाकर पुराने वासनामय अधोगामी जीवन की ओर ही गति करेगा । यह सर्वसाधारण अनुभव है कि जब हम शुभ भावना रखते हुए भी कुछ नहीं करते तब अन्त में अशुभ मार्ग पर ही आ पड़ते हैं । बौद्ध, सांख्य, योग आदि सभी निवृत्तिमार्गी कही जाने वाली धर्म-परम्पराओंों का भी वही भाव है जो जैन धर्म-परम्परा का । जब गीता ने कर्मयोग या प्रवृत्ति मार्ग पर भार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002119
Book TitleSakaratmak Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1996
Total Pages404
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size17 MB
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