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४८४ : मध्यकालीन राजस्थान में जैनधर्म
२७. प्राग्वाट जाति का इतिहास २८. प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष एवं महिलाएँ
२९. भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा : ज्ञान सुन्दर, का इतिहास
३०. भारत के प्राचीन जैन तीर्थ ३१. भट्टारक संप्रदाय
: डॉ० जगदीश चन्द्र जैन, बनारस, १९५२ : वी० पी० जोहरा, पुरकर, शोलापुर, १९५८
३२. भारतीय संस्कृति में जैन धर्म : डॉ० होरालाल जैन, भोपाल, १९६२ का योगदान
३३. भारत के दिगंबर जैन तीर्थ
३४. मुंडस्थल महातीर्थं ३५. महाकवि दौलतराम कास
लीवाल : व्यक्तित्व एवं कृतित्व ३६. युगप्रधान श्री जिनचन्द्रसूरि
३७. राजपूताने के जैन वीर
३८. राजस्थान का प्राचीन जैन तीर्थ केशोरायपाटन
४२. लिटरेरी सर्कल ऑफ वस्तुपाल ऐंड इट्स कॉन्ट्रिब्यूशन टू संस्कृत लिटरेचर
: दौलतसिंह लोढ़ा, राणी ( मारवाड़), १९५३ : डॉ० ज्योति प्रसाद जैन, भारतीय ज्ञानपीठ
विभिन्न भाग, फलोदी, १९४३
३९. राजस्थान के जैन संत : व्यक्ति : डॉ० कस्तूरचन्द कासलीवाल, साहित्य शोध
त्व एवं कृतित्व
४०. रिलिजन ऐंड कल्चर ऑफ दी जैन्स
४१. लाइफ ऑफ हेमचन्द्र
४४. सम डिस्टिंग्विश्ड जैन्स ४५. सूरीश्वर और सम्राट् अकबर
: भाग १-४, बलभद्र जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, १९७८
: मुनि विशाल विजय, सिरोही, १९६२ : डॉ० कस्तूर चन्द कासलीवाल, जयपुर
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: अगरचन्द, भँवर लाल नाहटा, कलकत्ता, वि० सं० १९९२
: अयोध्या प्रसाद गोयलीय, दिल्ली, १९३३
: डॉ० कस्तूरचन्द कासलीवाल, बूँदी, १९८५
विभाग, श्रीमहावीर जी, जयपुर, १९६७ : ज्योति प्रसाद जैन, भारतीय ज्ञानपीठ
: डॉ० भोगीलाल जे० संडेसर, सिंधी जैन ग्रन्थमाला, क्र० ३३, बम्बई
४३. वीरशासन के प्रभावक आचार्य : कासलीवाल, जोहरापुरकर, भारतीय ज्ञान
: डॉ० मणिलाल पटेल द्वारा जर्मन भाषा से अनूदित, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, अहमदाबाद
पीठ प्रकाशन, १९७५
: उमराव सिंह टोंक, आगरा, १९१८
मुनिराज विद्या विजय, आगर, वि० सं १९८०
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