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४७८ : मध्यकालीन राजस्थान में जैनधर्म
११. खरतरगच्छ बृहदगुर्वावली
१२. खरतरगच्छ का इतिहास
१३. गुरूगुण रत्नाकर काव्य
१४. जैन तीर्थं सर्व संग्रह
१५. तीर्थमाला, खण्डेलवाल
दिगम्बर जैन मन्दिर
- १६. तीर्थयात्रा स्तवन
१७. त्रिषष्ठि शलाका पुरुष
-१८. दर्शनसार
- १९. दिग्विजय महाकाव्य
२०. द्वयाश्रय महाकाव्य
-२१. धूर्ताख्यान
२२. नरनारायणानन्द महाकाव्य
२३. पट्टावली समुच्चय
२४. पुरातन प्रबन्ध संग्रह
--२५. पट्टावली प्रबन्ध संग्रह
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: जिनपाल उपाध्याय, मुनि जिनविजय द्वारा सम्पादित, बम्बई १९५६
: प्रथम खंड, अजमेर, १९५९
: सोम चरित्र गणी, इन्द्रविजय द्वारा संपादित, श्री यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, भाग २४, बनारस, विनि० सं० २४३७
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: उदयपुर के ग्रन्थ संख्या ७२ में प्राप्त एवं वि० सं० १५२९ में रचित
: विनयप्रभ, अगरचन्द नाहटा द्वारा जैन सत्य प्रकाश भाग १६, पृ० १६ पर प्रकाशित जोन्सन द्वारा अनुवाद,
: हेमचन्द्र, हेलेन एम० बड़ौदा, १९३१
: देवसेन, नाथूराम प्रेमी द्वारा सम्पादित, जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई, वि० सं० १९७४
: मेघविजय, अम्बालाल प्रेमचन्द शाह द्वारा सम्पादित, सिन्धी जैन ग्रन्थमाला, क्र० १४, बम्बई, १४४५
: हेमचन्द्र, ए० वी० काठवटे द्वारा सम्पादित, २ भाग, बम्बई, १९१५
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: वस्तुपाल, बी० डी० दलाल द्वारा सम्पादित, बड़ौदा, १९१६
: श्री चरित्र स्मारक ग्रन्थमाला, वीरमगाम,
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: मुनि जिनविजय द्वारा सम्पादित, सिन्धी जैन ग्रन्थमाला, क्र० २, कलकत्ता १९३६
: संकलनकर्ता आचार्य हस्तीमल, जैन इतिहास निर्माण समिति, जयपुर, १९६८
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