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________________ ( १५ ) अध्याय ५ : जैन कला २६९-३२९ (अ) जैन चित्रकला २६९ (१) पूर्वमध्यकाल (क) भित्ति चित्र २७१ (ख) लघु चित्रशैली २७१ (ख-१) सचित्र ताड़पत्रीय ग्रन्थ २७१ (ख-२) सचित्र कागज ग्रन्थ २७२ (ख-३) सचित्र वस्त्र पट्ट २७२ (ख-४) काष्ठ फलक २७२ (२) मध्यकाल (क) भित्ति चित्र २७५ (ख) लघु चित्र शैली २७६ (ख-१) सचित्र ताड़पत्रीय ग्रन्थ २७६ (ख-२) सचित्र कागज ग्रन्थ २७८ (ख-३) सचित्र वस्त्र पट्ट २७९ (ख-४) काष्ठ फलक २८० (ख-५) सचित्र विज्ञप्ति पत्र २८० (३) उत्तर मध्यकाल (क) भित्ति चित्र २८० (ख) लघु चित्र शैली २८१ (ख-१) सचित्र ताडपत्रीय ग्रंथ २८१ (ख-२) सचित्र कागज ग्रंथ २८१ (ख-३) सचित्र वस्त्र पट्ट २८३ (ख-४) काष्ठ फलक २८५ (ख-५) सचित्र विज्ञप्ति पत्र २८५; निष्कर्ष एवं विशेषताएँ २८६; सचित्र ताडपत्रीय ग्रन्थों की विशेषताएँ २८६; सचित्र कागज के ग्रन्थों की विशेषताएँ २८७; जैन लघु शैली को सामान्य विशेषताएँ २८८ (ब) जैन मूर्तिकला २९१ जैन प्रतिमाओं की सामान्य विशेषताएँ २९१ (१) पूर्व मध्यकाल २९३ (क) प्रस्तर प्रतिमाएं २९३ (ख) धातु प्रतिमाएं २९५ (२) मध्यकाल मूर्तियाँ ३०२; आचार्यों की १२. यन्त्रों की पूजा ३९२; १३. दानियों व संरक्षकों की मूर्तियाँ ३०२; १४. हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ ३०३; राजस्थान के जैन प्रस्तर मूति कला केन्द्र ३०३; राजस्थान के जैन धातु मूर्ति कला केन्द्र ३०४ (स) जैन स्थापत्य कला ३०५ (१) पूर्व मध्यकाल (क) ८वीं से ९वीं शताब्दी के जैन स्थापत्य प्रतिमान एवं विशेषताएं ३०५ (ख) ११वीं से १३वीं शताब्दी-स्वर्ण काल ३१०; अन्य मन्दिर ३१४ (२) मध्यकाल ३१७; चतुर्मुख एवं समवसरण शैली के मन्दिर ३१९; अन्य जैन मन्दिर ३२१ (३) उत्तर मध्यकाल ३२२ (द) जैन रूपप्रद कला ३२३ (१) सज्जांकन ३२३ (२) तक्षित प्रतिमाए ३२३ (३) वर्णनात्मक रूपांकन ३२६ (य) जैन कलानिष्कर्ष एवं समालोचना ३२६ । (क) प्रस्तर प्रतिमाए २९७ (ख) धातु प्रतिमाएं २९८ (३) उत्तर मध्यकाल (क) प्रस्तर प्रतिमाएं २९८ (ख) धातु प्रतिमाए २९९; तीर्थकरेतर मूर्तियाँ २९९ (१) देवी-देवता २९९ (२) सरस्वती (३) अम्बिका ३०० (४) पद्मावती ३०० (५) अन्य यक्षियाँ ३०० (६) चक्रेश्वरी ३०१ (७) सच्चिका देवी ३०१ (८) मरुदेवी ३०१ (९) यक्ष ३०१ (१०) कुबेर ३०२ अध्याय ६ : जैन साहित्य एवं साहित्यकार ३३०-४१८ (अ) पूर्व मध्यकाल (१) प्राकृत साहित्य एवं साहित्यकार ३२२ प्राकृत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002114
Book TitleMadhyakalin Rajasthan me Jain Dharma
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Jain Mrs
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages514
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size21 MB
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